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टीवी शो बरसातें मौसम प्यार का जल्द होगा ऑफ एयर, जानें डिटेल्स

Shivangi Joshi show off air: टीवी की पॉपुलर एक्ट्रेस शिवांगी जोशी इन दिनों अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ की वजह से चर्चा में बनी रहती हैं। जहां एक तरफ शिवांगी जोशी टीवी शो ‘बरसातें मौसम प्यार का ‘ में नजर आ रही हैं। वहीं दूसरी तरफ शिवांगी का नाम उनके को स्टार कुशाल टंडन के साथ जुड़ रहा है। बता दें कि टीवी शो बरसातें में शिवांगी और कुशाल दिखाई दे रहे हैं। इस बीच शिवांगी जोशी के फैंस के लिए एक बुरी खबर सामने आई है। रिपोर्ट्स की मानें तो उनके शो ‘बरसातें- मौसम प्यार का ‘ पर जल्द ही ताला लग सकता है। Also Read – Top 10 TV Personalities: मुनव्वर फारूकी ने छीनी अंकिता लोखंडे की गद्दी, टॉप 3 में शामिल हुईं शिवांगी जोशी

‘बरसातें- मौसम प्यार का ‘ जल्द होगा ऑफ एयर

एंटरटेनमेंट जगत में धमाल मचाने वाली अदाकारा शिवांगी जोशी के फैंस को तगड़ा झटका लगा है। दरअसल, सोशल मीडिया पर एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें ये दावा किया गया है कि ‘बरसातें- मौसम प्यार का ‘ जल्द ही ऑफ एयर होने वाला है। हालांकि मेकर्स ने इस बात की पुष्टि नहीं की है। मालूम हो कि इसी साल ‘बरसातें- मौसम प्यार का ‘ ने टीवी पर दस्तक दिया है। इसमें शिवांगी जोशी और कुशाल टंडन की जोड़ी दिखाई दे रही है। इस शो को ठीक-ठाक टीआरपी भी मिल रही है। इस खबर के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर हलचल बढ़ गई है। जहां कई लोग इस रिपोर्ट को फेक बता रहे हें तो वहीं कई लोग इस न्यूज से दुखी हो गए हैं। Also Read – बीच सड़क मोहसिन खान ने कनिका मान संग किया रोमांस, फैंस बोले, ‘शिवांगी जोशी बेटर है’

इस शो से मिली थी शिवांगी जोशी को पहचान

बताते चलें कि शिवांगी जोशी ने टीवी शो ‘ये रिश्ता क्या कहलाता’ में नायरा का किरदार निभाया था। इस शो से ही शिवांगी जोशी को असल पहचान मिली थी। शिवांगी जोशी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। एक्ट्रेस अक्सर अपने फैंस के साथ तस्वीरें और वीडियोज शेयर करती रहती हैं। Also Read – बाली उम्र में टीवी की इन 9 हसीनाओं ने दिखाया बोल्ड अवतार, कर डाली हर लिमिट क्रॉस

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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