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माइक्रोसॉफ्ट AI का जलवा! लंदन में बनाने जा रहा बड़ा हब, क्या होगा खास

Microsoft AI hub in London: टेक दिग्गज कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने लंदन में नया आर्टिफिशियल हब खोलने का ऐलान किया है. इस नये एआई हब को AI साइटिंस्ट और इंजीनियर जॉर्डन हॉफमैन लीड करेंगे. कंपनी ने एक ऑफिशियल ब्लॉग पोस्ट के दौरान कहा कि हम इस नये हब में सर्वश्रेष्ठ एआई साइंटिस्ट और इंजीनियर्स की नियुक्ति करने जा रहे हैं. पिछले दिनों माइक्रोसॉफ्ट एआई को लेकर खबर सामने आई थी, जिसके बाद अब एआई हब को लेकर ऐलान किया गया है. 

माइक्रोसॉफ्ट एआई के सीईओ मुस्तफा सुलेमान के मुताबिक, नया एआई हब माइक्रोसॉफ्ट में एआई टीमों के साथ मिलकर अत्याधुनिक लैंग्वेज मॉडल्स और उनके सपोर्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को आगे बढ़ाने और फाउंडेशन मॉडल के लिए वर्ल्ड क्लास टूलिंग बनाने के काम को लीड करेगा. ब्रिटेन में एआई प्रतिभा और विशेषज्ञता का एक ग्रैंड पूल है और माइक्रोसॉफ्ट एआई इस सेक्टर में एक महत्वपूर्ण, दीर्घकालिक निवेश करने की योजना बना रहा है.

मुस्तफा सुलेमान डीपमाइंड के को-फाउंडर भी हैं. इस एआई हब को लीड करने वाले जॉर्डन हॉफमैन सुलेमान के साथ Inflection और Deepmind में काम कर चुके हैं. हॉफमैन के साथ कंपनी के लंदन पैडिंगटन ऑफिस में स्थित माइक्रोसॉफ्ट एआई टीम के मेंबर्स का एक ग्रुप भी शामिल होगा. 

लोकसभा चुनाव को लेकर जारी की चेतावनी

पिछले दिनों माइक्रोसॉफ्ट ने भारत समेत अन्य देशों में होने वाले बड़े चुनाव को लेकर एक ब्लॉग पोस्ट के जरिए चेतावनी जारी की थी. माइक्रोसॉफ्ट ने अपनी ब्लॉग पोस्ट में लिखा कि दुनिया के अलग-अलग देशों में इस साल बड़े चुनाव होने वाले हैं, जिनमें भारत, साउथ कोरिया और अमेरिका जैसे कुछ बड़े देशों के नाम शामिल हैं. ऐसे में चीन अपने फायदे के लिए AI जेनरेटेड कंटेंट और टूल्स का इस्तेमाल कर वोटर्स को प्रभावित कर सकता है. चीन पहले भी इस तरह की कोशिशें कर चुका है. 

माइक्रोसॉफ्ट के मुताबिक, हैकर्स के लिए एआई टू्ल्स हथियार जितने खतरनाक साबित हो रहे हैं, क्योंकि वो इनका इस्तेमाल अपनी इच्छा अनुसार कर रहे हैं. इन एआई टूल्स के जरिए ही डीपफेक और एडिटेड वीडियोज बनाना भी अब आसान बात है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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