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सलमान के घर के बाहर फायरिंग के बाद सामने आया पिता सलीम खान का रिएक्शन

Salman Khan: सलमान खान के घर के बाहर हुई फायरिंग से पूरी इंडस्ट्री में हलचल मच गई है. भाईजान के बांद्रा स्थित गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर कुछ अज्ञात लोगों ने रविवार सुबह 5 बजे आकर कई राउंड फायरिंग की है. इस घटना के बाद से सुपरस्टार के फैंस भी काफी चिंतित हैं. सलमान के घर पर हमले के बाद भाई से मिलने अरबाज-सोहेल गैलेक्सी अपार्टमेंट पहुंचे. 

सामने आया पिता सलीम खान का रिएक्शन

इस घटना के बाद से ही सलमान खान के घर के आस-पास की सिक्योरिटी टाइट कर दी गई है. फोरेंसिक टीम और मुंबई पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है. वहीं मुंबई पुलिस ने बताया है कि जब गोलीबारी हुई तब सलमान खान घर पर ही मौजूद थे. हमले के बाद सलमान खान का रिएक्शन भी सामने आया है. सुपरस्टार ने अपने परिवार को लेकर काफी चिंता जताई है. वहीं अब इस मामले में सलमान के पिता सलीम खान ने भी चुप्पी तोड़ी है. 


सलमान खान के घर पर इस घटना के कुछ समय बाद पिता सलीम खान ने कहा कि, ‘चिंता की कोई बात नहीं है. बताने के लिए कुछ भी नहीं है. वे लोग सिर्फ पब्लिसिटी चाहते हैं, चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.’

‘परिवार बहुत सतर्क और सावधान है’

रिपोर्ट्स के मुताबिक, ‘सलीम इस घटना के तुरंत बाद टहलने के लिए बाहर चले गए थे.’ एक सूत्र ने कहा, ‘सलीम खान बिल्कुल भी परेशान नहीं हैं और उन्होंने हमेशा की तरह अपनी रोजाना के रूटीन जारी रखी. परिवार बहुत सतर्क और सावधान है. सलमान खान सुरक्षित और स्वस्थ हैं.’


फायरिंग की खबर आने के बाद से ही सलमान खान के फैंस अपना सपोर्ट दिखाने के लिए अभिनेता के घर के बाहर इकट्ठा हो रहे हैं. इस बीच सलमान के घर के बाहर फायरिंग करने वाले दोनों हमलावरों की फोटोज सामने आई हैं. सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग में जिस गैंगस्टर विशाल उर्फ कालू का नाम सामने आ रहा है, उसकी तस्वीर भी सामने आ गई है. 

 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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