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Intel CPUs में रिसर्चर्स को मिली खामी,आपकी सेंसटिव इनफार्मेशन हो सकती है लीक, तुरंत करें ये काम

Vulnerability on Intel CPUs: दुनियाभर में इंटेल प्रोसेसर काफी पॉपुलर हैं और सभी लैपटॉप और डेस्कटॉप में ये लगे रहते हैं. इस बीच इंटेल प्रोसेसर से जुड़ी एक हैरान करने वाली खबर सामने आ रही है. दरअसल,कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय सैन डिएगो के एक वरिष्ठ अनुसंधान वैज्ञानिक डैनियल मोघिमी ने इंटेल के आंतरिक चिप डिज़ाइन में “डाउनफॉल” नामक दोष को खोजा है. यानि प्रोसेसर में कुछ खामी मिली है जिसका फायदा हैकर्स आपके डेटा को हैक करने के लिए उठा सकते हैं. डैनियल  इस बारे में कंपनी को अवगत कराया और इंटेल ने इस मुद्दे को स्वीकार कर लिया है.

इंटेल के मेनस्ट्रीम और सर्वर-क्लास दोनों प्रोसेसर में रिसर्चर्स को कुछ खामी मिली है. रिसर्चर्स ने बताया कि यदि इन चिप्स को समझौता किए गए सॉफ़्टवेयर के साथ जोड़ा जाता है तो हैकर्स संवेदनशील जानकारी तक पहुंच सकते हैं. कंपनी ने इस खतरे को 6.5 सीवीएसएस स्कोर दिया है जो एक मीडियम गंभीरता को दर्शाता है.

इंटेल ने जारी किया सिक्योरिटी पैच 

मोघिमी के बताया कि इंटरनेट पर मौजूद हर कोई इससे प्रभावित है. कंपनी ने इस मुद्दे को स्वीकार कर लिए है और अफेक्टेड प्रोसेसर की एक सूची प्रकाशित की है. इंटेल ने सुरक्षा समस्या को ठीक करने के लिए एक अपडेट भी जारी किया है और प्रभावित यूजर्स से सुरक्षित रहने के लिए फर्मवेयर को अपडेट करने की बात कही है. हमारी भी आपसे यही अपील है कि फौरन अपने कम्यूटर को अपडेट कर लें और सभी सिक्योरिटी अपडेट को तुरंत इनस्टॉल कर लें.

परफॉर्मेंस पर पड़ सकता है असर 

कंपनी के द्वारा जारी किए गए सॉफ़्टवेयर फिक्स से सिस्टम के परफॉर्मेंस में असर पड़ सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे परफॉर्मेंस 50 प्रतिशत तक प्रभावित हो सकता है. बता दें, सॉफ़्टवेयर फिक्स एक ऑप्शनल अपडेट है. जो लोग चिप्स की पूरी क्षमता को बरकरार रखना चाहते हैं वे इस अपडेट को इग्नोर कर सकते हैं. ऐसा पहली बात नहीं है जब इंटेल के प्रोसेसर में कोई खामी मिली हो. इससे पहले भी कई बार इंटेल के चिप्स में खामी मिली है और कंपनी ने यूजर्स के लिए अपडेट जारी किया है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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