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Reliance Jio vs Airtel: 299 रुपये के रिचार्ज में कौन सी कंपनी दे रही ज्यादा फायदा? यहां जानिए

Jio vs Airtel Recharge 299 Recharge Plan: आजकल बिना इंटरनेट के स्मार्टफोन अधूरा लगता है. अगर फोन का रिचार्ज खत्म हो जाए तो फोन किसी यूजलेस डिब्बे की तरह लगता है. कॉलिंग और इंटरनेट के लिए लोग फोन का रिचार्ज कराते हैं. जियो और एयरटेल भारत की दो बड़ी टेलीकॉम कंपनियां हैं. यहां कस्टमर को कई तरह के रिचार्ज का प्लान मिल जाता है. इसमें 299 रुपये का प्रीपेड प्लान भी शामिल है, जो बेहद फेमस भी है. यह एक मंथली प्लान है. लोग इस प्लान को लेना भी काफी पसंद कर रहे हैं. 

रिलायंस और जियो दोनों टेलीकॉम कंपनियां 299 रुपये के रिचार्ज प्लान की सुविधा देती हैं. एक महीने के प्लान के तहत आपको कॉलिंग, इंटरनेट समेत कई बेनिफिट्स मिलते हैं. जियो के 299 रुपये वाले पैक में 56 जीबी डाटा मिलता है, जिसकी वैलिडिटी 28 दिन रहती है. इस प्लान के साथ 2 जीबी डेट हर दिन मिलता है और डेटा लिमिट खत्म होने के बाद स्पीड 64 Kbps तक कम हो जाती है.

यहां 5G सर्विस एरिया में आपको अनलिमिटेड 5G डेटा की सुविधा भी मिलती है. जियो यूजर्स को 100 एसएमएस रोज मिलता है, जिसे यूजर्स दिनभर में कभी भी इस्तेमाल कर सकते हैं.  इस प्लान के साथ JioTV, JioCinema और JioCloud जैसे जियो ऐप्स का फ्री सब्सक्रिप्शन मिलता है.

एयरटेल के 299 रुपये वाले प्लान में मिलेगा ये फायदा

एयरटेल के 299 रुपये वाले प्लान में भी अनलिमिटेड कॉलिंग का फायदा मिलता है. यहां भी आप देशभर में कहीं से भी दोस्तों के साथ जितनी मर्जी उतनी कॉल कर सकते हैं. 299 रुपये के पैक में आपको 1.5 जीबी डेटा हर दिन मिलेगा.

इस प्लान के साथ 100 SMS की सुविधा भी मिलती है. इसके अलावा, Wynk Music, Apollo 24/7 Circle और Free Hello Tunes का फ्री सब्सक्रिप्शन भी मिलता है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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