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2000 के नोट होंगे चलन से बाहर! खबर सामने आते ही RBI की वेबसाइट हुई डाउन

2000 Rupees Note : 2000 रुपये के नोट के सर्कुलेशन की खबर आने के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की आधिकारिक वेबसाइट भारी ट्रैफिक का सामना कर रही है. इस वजह से वेबसाइट डाउन भी हो गई है. खबर लिखे जाते समय तक रिजर्व बैंक की वेब साइट डाउन ही थी. वेबसाइट तब डाउन हुई, जब खबर सामने आई कि अब 2000 के नोट अब चलन से बाहर होंगे. इसका मतलब है कि अब 2000 रुपये के नोट का सर्कुलेशन नहीं होगा. खबर सामने आते ही, भारी ट्रैफिक आरबीआई की वेबसाइट पर पहुंचा और इस वजह से पूरी वेबसाइट ठप पड़ गई. कुछ लोग घबरा रहे हैं. हालांकि, घबराने की जरूरत नहीं है. आपका पैसा सुरक्षित है. सरकार ने समझदारी से पूरा इंतजाम किया है. आइए खबर में जानते हैं सभी डिटेल

आपके पास है काफी समय

आपको बिलकुल भी घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि नोट को बदलने के लिए आपके पास काफी समय है. आप आराम से 30 सितंबर 2023 तक अपने 2000 रुपये के नोट को बैंक से एक्सचेंज कर सकते हैं. इसके साथ ही, आप अपने 2000 के नोट को बैंक में जमा भी कर सकते हैं. अगर यह खबर सुनकर आपके आसपास कोई हाइपर हो रहा है तो आपको उनको भी यह बात समझनी चाहिए कि आपके पास काफी समय है. आप आराम से नोट बदल सकते हैं. 

आप अगर बैंक में नोट एक्सचेंज करवाने के लिए जाने वाले हैं तो आपको बता दें कि आरबीआई ने कहा है कि आप एक बार में केवल 20,000 रुपये के 2000 के नोट ही बदल सकते हैं. इसके अलावा, आरबीआई ने बैंकों को आदेश दिया है कि वे तत्काल प्रभाव से 2000 रुपये के नए नोट कस्टमर्स को देना बंद कर दें.

2016 में जारी हुए थे 2000 के नोट

भारत में 8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपये के नोटों डेमोनिटाइजेशन के बाद 2000 के नोट जारी किए गए थे. सरकार ने 500 का नया नोट भी जारी किया था, लेकिन 1000 का नोट जारी नहीं हुआ था. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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