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‘एनिमल’ के ट्रेलर में शर्टलेस दिखे बॉबी देओल, बॉडी देख पापा धर्मेंद्र ने किया रिएक्ट

Dharmendra Reacted On Bobby Deol Shirtless Body: संदीप वांगा रेड्डी की अपकमिंग फिल्म ‘एनिमल’ का टीजर रिलीज हो गया है. टीजर फैंस को काफी पसंद आ रहा है और अब दर्शकों को फिल्म के रिलीज होने का इंतजार है. ‘एनिमल’ के टीजर के अंत में बॉबी देओल की शर्टलेस झलक देखने को मिली. ऐसे में एक्टर की बॉडी ने सभी को अपना दीवाना बना लिया. वहीं अब बॉबी देओल के पिता और दिग्गज एक्टर धर्मेंद्र ने भी इसपर रिएक्ट किया है. 

धर्मेंद्र ने अपने ऑफिशियल एक्स अकाउंट पर ‘एनिमल’ टीजर की एक क्लिप शेयर की है. इसमें उनके बेटे बॉबी देओल का ‘एनिमल’ से लुक दिखाई दे रहा है जिसमें वे हरे रंग का नेकलेस पहने शर्टलेस अवतार में अपने कमरे का दरवाजा खोलते नजर आ रहे हैं. उनके हाथ में चाकू है और वह खतरनाक नजर के साथ कमरे में किसी की एंट्री की तरफ इशारा करते हैं.

धर्मेंद्र ने बॉबी को कहा मासूम
धर्मेंद्र ने इस क्लिप को कैप्शन में लिखा- ”एनिमल’ में मेरा मासूम बेटा.’ वहीं वीडियो में लिखा था, ‘सुनो तुम सब लोग 1 दिसंबर को थिएटर में आना वरना….’ धर्मेंद्र की इस वीडियो पर यूजर्स काफी रिएक्ट कर रहे हैं. एक शख्स ने कमेंट किया, ‘इतना भी मासूम नहीं है पाजी.’ वहीं एक दूसरे यूजर ने लिखा- ‘अगर वह निर्दोष है, तो मैं एक देवदूत हूं.’

बॉबी के फिजिकल ट्रांसफॉर्मेशन ने खींचा ध्यान
बता दें कि फिल्म ‘एनिमल’ के लिए बॉबी देओल ने गजब का फिजिकल ट्रांसफॉर्मेशन ने किया है. इससे पहले खुद बॉबी देओल ने अपनी एक शर्टलेस तस्वीर शेयर कर बताया था कि ‘एनिमल’ का शूटिंग शेड्यूल उन्हें फिट रहने में मदद कर रहा है.


1 दिसंबर को रिलीज होगी ‘एनिमल’
रणबीर कपूर स्टारर फिल्म ‘एनिमल’ 1 दिसंबर को थिएटर्स में रिलीज की जाएगी. फिल्म में रश्मिका मंदाना, बॉबी देओल और अनिल कपूर भी दिखाई देंगे. गौरतलब है कि बॉबी आखिरी बार वेब सीरीज ‘आश्रम 3’ में दिखाई दिए थे जिसमें उन्होंने काशीपुर वाले बाबा निराला का किरदार निभाया था.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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