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सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग मामले में पुलिस को मिली सफलता

बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान इन दिनों चर्चा में बने हुए हैं। बीते दिन सलमान खान के घर के बाहर कुछ लोगों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं। इस वारदात ने मुंबई पुलिस को हिलाकर रख दिया। रिपोर्ट्स की मानें तो इस हमले की साजिश कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई ने रची थी। अमेरिका में अनमोल बिश्नोई ने पूरा प्लान तैयार किया और फिर मुंबई में शूटरों ने इस हमले को अंजाम दिया। इस बीच पुलिस को भी बड़ी सफलता मिल गई है। बताया जा रहा है कि क्राइम ब्रांच ने दो लोगों को हिरासत में ले लिया हैं।

पुलिस ने लिया एक्शन

एंटेरटेनमेंट (Entertainment News) जगत के सुपरस्टार सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग मामले में एक अपडेट सामने आया है। बता दें कि इस हमले के बाद से ही पुलिस हरकत में आ गई थीं। अब पुलिस ने एक्शन लेते हुए 2 लोगों को हिरासत में ले लिया है। रिपोर्ट्स की मानें तो क्राइम ब्रांच ने जिन लोगों को हिरासत में लिया है उन्होंने फायरिंग करने वालों की मदद की थीं। फिलहाल पुलिस इस मामले में जांच कर रही है। पुष्टि होनो के बाद पुलिस इन दोनों को गिरफ्तार भी कर सकती है। वहीं अब हमलावरों की तस्वीरें भी सामने आ गई हैं। इसके बाद पुलिस अब इन शूटर्स की तलाश कर रही है। Also Read – सलमान खान ने फायरिंग के बाद शेयर किया पहला वीडियो, फैंस बोले- ‘अल्लाह आपकी हिफाजत करे’

सलमान खान को पहले भी मिल चुकी है धमकी

बताते चलें कि सलमान खान को पहले भी लॉरेंस बिश्नोई की तरफ से कई बार धमकी मिल चुकी है। ऐसे में सरकार ने सलमान को वाई प्लस सिक्योरिटी दी है। अब देखना ये दिलचस्प होगा कि पुलिस कब तक उन शूटर्स को गिरफ्तार करती हैं जिन्होंने सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग की थी। मालूम हो कि सलमान खान ने हाल ही में अपनी अपकमिंग मूवी सिकंदर को लेकर अपडेट दिया है। भाईजान ने बताया कि उनकी ये फिल्म साल 2025 में ईद के मौके पर रिलीज होगी।

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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