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Ola वाले भाविश अग्रवाल आज लॉन्च करेंगे Krutrim AI, खासियत और कैसे देख पाएंगे लॉन्च इवेंट,जानिए

Krutrim AI Launch Live: ओला कंपनी को आप सभी जरूर जानते होंगे. अब इस कंपनी के सीईओ भाविश अग्रवाल चैट जीपीटी के जैसा ही कुछ आज लॉन्च करने वाले हैं. उन्होंने इसकी जानकारी एक्स में शेयर की है. भाविश अग्रवाल ने एक वीडियो शेयर किया है जिसे अलग-अलग भाषा में रिकॉर्ड तैयार गया है ताकि सभी तक ये संदेश जाए. भाविश आज दोपहर 2:30 बजे Krutrim AI टूल को लॉन्च करने वाले हैं. लॉन्च इवेंट को लाइव देखने के लिए हम यहां एक लिंक जोड़ रहे हैं जिससे आप सीधे यहीं से इस AI टूल के इवेंट में जुड़ पाएंगे और जान पाएंगे कि इसकी क्या खासियत है और इसे किस मकसद से कंपनी ने लॉन्च किया है.

लोकल लैंग्वेज और डेटा पर किया गया है ट्रेन  

नया टूल “भारत का पहला पूर्ण-स्टैक AI” के रूप में कैटगराइज किया गया है. कंपनी ने दावा किया है कि क्रुट्रिम स्थानीय भारतीय ज्ञान, भाषाओं और डेटा पर बनाया गया है. कंपनी के सीईओ सीईओ भाविश अग्रवाल ने कहा कि क्रुट्रिम भारत का अपना है और हमे पश्चिमी उत्पादों का उपयोग करने के बजाय अपने खुद के प्रोडक्ट पर काम करना चाहिए और इंडियन डेटा पर AI मॉडल्स को ट्रेन करना चाहिए ताकि ये हर किसी के जिंदगी को आसान बना सके. अग्रवाल ने इस टूल को सभी के लिए फायदेमंद बताया है. हालांकि अभी ये क्लियर नहीं है कि किस तरह ये टूल काम करेगा और क्या-क्या सुविधाएं आम लोगों को देगा. इस विषय में डिटेल जानकारी के लिए आप हमारे साथ जुड़े रह सकते हैं.

https://www.youtube.com/watch?v=EP1x_9LMp50

चैट जीपीटी और गूगल के टूल को देगा टक्कर  

बता दें, Krutrim Si Designs को अप्रैल 2023 में लॉन्च किया गया था और कंपनी का टूल OpenAI और Google जैसी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करेगा. कहा जा रहा है की ये टूल लोगों को ओपन एआई के चैट जीपीटी की तरह ही टेक्स्ट बेस्ड प्रांप्ट का जवाब इंडियन डेटा के हिसाब से देगा. खैर हमे सटीक जानकारी के लिए थोड़ इंतजार और करना होगा.    

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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