टैकनोलजी

दूर रहकर भी पत्नी या गर्लफ्रेंड को कर सकते हैं असली किस, यकीन न हो तो वीडियो देखिए

Kissing Device: दिन प्रतिदिन टेक्नोलॉजी किस तरह बदल रही है उसका एक नया उदाहरण बाजार में सामने आया है. चाइना की एक यूनिवर्सिटी के बच्चों ने एक ऐसा डिवाइस बनाया है जिसने इंटरनेट पर सनसनी मचा दी है. ये डिवाइस लोंग डिस्टेंस में रह रहे लोगों के लिए बनाया गया है. अक्सर long-distance में रह रहे कपल्स एक दूसरे से मिल नहीं पाते हैं और न ही शारीरिक तौर पर एक दूसरे से गले मिल पाते हैं. इस कमी को दूर करने के लिए चाइना की एक यूनिवर्सिटी ने एक गजब का डिवाइस इन्वेंट किया है.

चीन की एक यूनिवर्सिटी ने ऐसा डिवाइस बना दिया है जो दूर बैठे पार्टनर को असली किस वाली फिलिंग देगा. दरअसल, इस डिवाइस में इंसानों की तरह ही होंठ बने हुए हैं. ये डिवाइस एक ऐप से कनेक्ट होता है. जैसे ही आपका पार्टनर इस डिवाइस पर बने होंठ पर किस करता है तो दूसरी तरफ आपके पास मौजूद डिवाइस आपको वही एनर्जी और हीट के साथ किस करता है. मानो ऐसा लगेगा कि आपके सामने ही व्यक्ति मौजूद हो. फिलहाल ये डिवाइस इंटरनेट पर चर्चा का विषय बना हुआ है और सोशल मीडिया पर जमकर रिएक्शन भी आ रहे हैं.

आप बेहतर तरीके से समझ पाए कि डिवाइस किस तरह काम करता है इसके लिए हम यहां ये वीडियो जोड़ रहे हैं.

News Reels



“>

इंटरनेट पर जो जानकारी सामने है उसके मुताबिक, जिस साइंटिस्ट ने इस डिवाइस को बनाया है वो अपनी गर्लफ्रेंड से दूर रहते थे और तभी उनके दिमाग में ये आईडी आया. जैसे ही इस डिवाइस को लाइव किया गया तो लोगों को ये खूब पसंद आया और फिलहाल अब दुनिया भर में वायरल है.

कीमत की बात करें तो इस किसिंग डिवाइस की कीमत 3,400 रुपये बताई जा रही है. वहीं अगर कपल्स इसे आर्डर करते हैं तो ये करीब 6,547 रुपये में आता है. 

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button