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‘जवान’ से इंस्पायर हुई नागपुर पुलिस, शाहरुख खान के रोल से फैलाई साइबर फ्रॉड को लेकर अवेयरनेस

Shahrukh Khan Role In Jawan: शाहरुख खान की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘जवान’ को रिलीज होने में अब बस कुछ ही घंटे बाकी है. एक तरफ फिल्म को लेकर दर्शक काफी एक्साइटेड हैं तो वहीं दूसरी तरफ नागपुर पुलिस भी ‘जवान’ से काफी इंस्पायरड नजर आ रही है. दरअसल नागपुर पुलिस ने ‘जवान’ की मदद से लोगों में साइबर फ्रॉड को लेकर अवेयरनेस फैलाने की कोशिश की है. 

नागपुर सिटी पुलिस ने अपने ऑफिशियल एक्स (ट्विटर) हैंडल पर एक पोस्ट किया है. इस पोस्ट में शाहरुख खान की फिल्म ‘जवान’ का पोस्टर है जिसमें शाहरुख खान फिल्म में निभाने वाले 5 अलग-अलग कैरेक्टर्स में नजर आ रहे हैं. इसके साथ लिखा है, अलग अलग अकाउंट्स के लिए अलग-अलग पासवर्ड सेट करना ऐसा होता है.

पोस्ट देख हैरान हुए फैंस
इस पोस्टर के साथ नागपुर सिटी पुलिस ने कैप्शन में लिखा, ‘जब आप ऐसे पासवर्ड्स रखते हो न, तो कोई भी फ्रॉडस्टर टिक नहीं सकता.’ नागपुर पुलिस का ये पोस्ट देखकर लोग हैरान है और जमकर रिएक्ट भी कर रहे हैं. एक शख्स ने कमेंट किया, ‘याद रखें, ऑनलाइन सिक्योरिटी की खूबसूरत कहानी में, अपने पासवर्ड को किंग खान की शक्ल की तरह अलग-अलग रहने दें!’

फैंस ने किया रिएक्ट
एक एक्स यूजर ने मजाक में इस पोस्ट पर लिखा, ‘क्या मतलब अब शाहरुख खान साब ने नागपुर पुलिस को भी पीआर बना लिया.’ इसके अलावा एक यूजर ने लिखा- ‘जवान के ब्लॉक का इस्तेमाल करके जागरूकता फैलाने के लिए शुक्रिया. नागपुर सिटी पुलिस को बहुत सारा प्यार.’

कल रिलीज होगी फिल्म
बता दें कि शाहरुख खान की एक्शन रोमांटिक फिल्म ‘जवान’ 7 सितंबर 2023 को रिलीज की जाएगी. फिल्म में किंग खान के कई रूप देखने को मिलेंगे. शाहरुख खान के साथ फिल्म में नयनतारा, प्रियामणि, सान्या मल्होत्रा और रिद्धि डोगरा भी अहम किरदार निभाती नजर आएंगी.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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