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भारत सरकार ने लॉन्च किया ‘चक्षु पोर्टल’, साइबर क्राइम पर लगेगी लगाम

Chakshu Online Portal: इंटरनेट और सोशल मीडिया के इस जमाने में लोगों को जितने फायदे हुए हैं, उतने ही नुकसान का भी सामना करना पड़ा है. इंटरनेट के माध्यम से लोगों के कई काम आसान हो जाते हैं, लेकिन साइबर क्रिमिनल्स के लिए धोखाधड़ी करना भी काफी आसान हो जाता है. इस वजह से भारत सरकार ने साइबर क्राइम और क्रिमिनल्स पर लगाम लगाने के लिए एक नया ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया है. इस पोर्टल का नाम “चक्षु” है. इस प्लेटफॉर्म पर भारत देश के सभी नागरिक साइबर फ्रॉड के बारे में शिकायत दर्ज करा सकते हैं. आइए हम आपको सरकार के इस नए पोर्टल के बारे में बताते हैं.

ऑनलाइन स्कैम्स को रोकना उद्देश्य

सरकार की इस नई पहल का उद्देश्य सोशल मीडिया पर फैलने और फैलाए जाने वाले गलत, नकली, दुर्भावपूर्ण और धोखाधड़ी वाले मैसेजों को रोकना है. भारत सरकार की इस नई ऑनलाइन पोर्टल चक्षु के जरिए भारत के हरेक लोग किसी भी तरह की ऑनलाइन फ्रॉड या उनके पास फ्रॉड के लिए आए मैसेज, कॉल की शिकायत सीधे सरकार तक पहुंचा पाएंगे. सरकार सभी शिकायतों पर पैनी नज़र रखेगी और धोखेबाजों पर पर्याप्त कार्रवाई करेगी, ताकि देश में ऑनलाइन मीडियम से होने वाले घोटालों को कम किया जा सके.

किन बातों की शिकायत कर सकते हैं?

भारत सरकार के यह पोर्टल चक्षु को दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा संचालित आधिकारिक संचार साथी वेबसाइट पर उपलब्ध है. इस पोर्टल को व्हाट्सऐप (WhatsApp), एसएमएस (SMS) और कॉल पर फर्जी मैसेजों के कारण बढ़ती साइबर धोखाधड़ी को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है. चक्षु पोर्टल के जरिए लोग वित्तिय घोटाले (Financial Scams), फर्जी ग्राहक सहायता (Fake Consumer Support), नकली सरकारी अधिकारियों का रूप बनाकर कॉल मैसेज करने वाले, फर्ज़ी नौकरी (Fake Jobs) और लोन ऑफर (Loan Offers) से संबंधित सभी प्रकार के संदिग्ध कॉल, मैसेज या बातचीत की शिकायत कर सकते हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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