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ये हीरो कमाई में फ्लॉप हो गया! टाइगर श्रॉफ की सबसे खराब फिल्म निकली ‘गणपत’, जानें शनिवार का कले

Ganapath Box Office Collection Day 2: टाइगर श्रॉफ (Tiger Shroff) की एक्शन से भरपूर फिल्म गणपत (Ganapath) सिनेमाघरों में शुक्रवार को रिलीज हो चुकी है. इस फिल्म में टाइगर के साथ कृति सेनन और अमिताभ बच्चन लीड रोल में नजर आए हैं. टाइगर और कृति की गणपत को मिक्स रिव्यू मिले हैं लेकिन बॉक्स ऑफिस पर इस फिल्म का बुरा हाल है. फिल्म ने पहले दिन कुछ खास कलेक्शन नहीं किया है. जिसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि वीकेंड पर फिल्म की कमाई में इजाफा होगा. मगर ऐसा भी नहीं हुआ है. गणपत दूसरे दिन भी कुछ खास कलेक्शन नहीं कर पाई है.

गणपत की कहानी थोड़ी हटकट है. जिसकी वजह से हर किसी को पसंद नहीं आ रही है. ये ही वजह से टाइगर श्रॉफ का जादू लोगों पर नहीं चल पाया है. वह टाइगर से एक्शन के अलावा भी कुछ एक्सपेक्ट कर रहे थे मगर ऐसा नहीं हुआ. जिसका असर कलेक्शन पर दिख रहा है.

दूसरे दिन किया इतना कलेक्शन

  • गणपत में कृति सेनन का एक्शन जबरदस्त है. लेकिन ये लोगों को सिनेमाघरों तक लाने में कामयाब नहीं हो पा रहा है. सैकनिल्क की रिपोर्ट के मुताबिक गणपत ने दूसरे दिन भी करीब 2.5 करोड़ का कलेक्शन किया है.
  • फिल्म ने पहले दिन भी 2.5 करोड़ का कलेक्शन किया था. जिसके बाद टोटल कलेक्शन 5 करोड़ हो गया है. अब रविवार को ही फिल्म के अच्छा कलेक्शन की उम्मीद की जा रही है.

यारियां 2 से हुई टक्कर
गणपत के साथ सिनेमाघरों पर दिव्या खोसला कुमार की यारियां 2 भी रिलीज हुई है. दोनों फिल्मों के क्लैश का भी गणपत के कलेक्शन पर असर पड़ा है. दिव्या की फिल्म को गणपत से ज्यादा अच्छे रिव्यू मिले हैं.

गणपत की बात करें तो इसे विकास बहल ने डायरेक्ट किया है. फिल्म में एली अबराम भी अहम किरदार निभाती नजर आईं हैं. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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