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गैजेट्स बिगाड़ रहे मेंटल हेल्थ, सरकार हुई परेशान, शुरू की ये मुहिम

Social Media Control: सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों को लेकर पूरी दुनिया चिंतित है. समय-समय पर सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को इस्तेमाल कम करने को लेकर लोगों को जागरूक किया जाता रहता है. अब कर्नाटक सरकार ने डिजिटल डीटॉक्स (Digital Detox) की एक मुहीम शुरू करने का ऐलान किया है. इसके जरिए डिजिटल वर्ल्ड में बहुत ज्यादा समय बिताने के खतरों को लेकर लोगों को आगाह किया जाएगा. साथ ही गेमिंग को लेकर भी स्वस्थ माहौल तैयार करने की कोशिश की जाएगी. डिजिटल डीटॉक्स की इस मुहीम में युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर सबसे ज्यादा जोर दिया जाएगा. 

गेमिंग और सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा जोर रहेगा 

कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को बताया कि डिजिटल डीटॉक्स की यह मुहीम ऑल इंडिया गेम डेवलपर्स फोरम (AIGDF) के सहयोग से शुरू की जाएगी. इसमें गेमिंग और सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा जोर दिया जाएगा. राज्य के आईटी मंत्री प्रियंक खड़गे ने कहा कि डिजिटल वर्ल्ड में ज्यादा समय बिताने से कई तरह के नुकसान हो रहे हैं. इसलिए गेमिंग के लिए एक जिम्मेदार माहौल तैयार करने की सख्त जरूरत महसूस की जा रही है. 

युवाओं में मेंटल हेल्थ इश्यू बढ़ रहे 

गेफएक्स 2024 (GAFX 2024) के दौरान बोलते हुए प्रियंक खड़गे ने कहा कि हम टेक्नोलॉजी के जिम्मेदार इस्तेमाल को बढ़ावा देना चाहते हैं. डिजिटल यूज बढ़ने की वजह से युवाओं में मेंटल हेल्थ इश्यू और रिश्तों की अहमियत न समझने की समस्याएं सामने आ रही हैं. लोग डिजिटल वर्ल्ड पर बहुत ज्यादा निर्भर हो गए हैं. टेक्नोलॉजी ने हर किसी की जिंदगी में गहराई तक पकड़ बना ली है. युवाओं में स्क्रीन से जुड़े रहने की आदत विकसित हो चुकी है. 

टेक्नोलॉजी का जरूरत से ज्यादा हो रहा इस्तेमाल

खड़गे ने कहा कि तकनीक ने सुविधाओं का दायरा बढ़ा दिया है. लोग सुविधाओं की इस गिरफ्त में फंस चुके हैं. टेक्नोलॉजी के जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल से बुरे असर सामने आ रहे हैं. कर्नाटक सरकार इसके लिए एआईजीडीएफ और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (NIMHANS) के साथ मिलकर टेक्नोलॉजी के सही इस्तेमाल को बढ़ावा देगी.

डिजिटल वेलनेस को बढ़ावा दिया जाएगा

पिछले साल सरकार ने सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी मेटा (Meta) के साथ मिलकर ऑनलाइन सेफ्टी के लिए स्टूडेंट्स और टीचर्स को ट्रेनिंग देने का फैसला किया था. इसमें उन्हें सोशल मीडिया के जिम्मेदार इस्तेमाल और अपने खाली समय के बेहतर इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग भी दी जाती है. सरकार के मुताबिक, ऑनलाइन और ऑफलाइन डिजिटल डीटॉक्स सेंटर खोलेगी. उन्हें बताया जाएगा कि कैसे टेक्नोलॉजी के साथ रिश्ते बनाए जाएं. तकनीक की मदद से उन्हें स्क्रीन टाइम का बेहतर इस्तेमाल करना सिखाया जाएगा. इससे डिजिटल वेलनेस को बढ़ावा दिया जाएगा.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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