टैकनोलजी

एलन मस्क पर लगा कंपनी के पैसे से अपना ग्लास हाउस बनाने का आरोप!, टेस्ला बोर्ड कर रहा जांच

टेस्ला के प्रोजेक्ट 42 (Project 42) के सीईओ और ट्विटर प्रमुख एलन मस्क (Elon Musk) पर कंपनी के फंड से अपना ग्लास हाउस बनाने का आरोप लगा है. टेस्ला बोर्ड अब इस मामले में अपनी तरफ से जांच कर रहा है. बिजनेस टुडे की खबर के मुताबिक, वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है. इसमें कहा गया है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स मैनुफैक्चरर के बोर्ड ने ऑस्टिन-क्षेत्र गीगाफैक्ट्री के पास एक ग्लास हाउस बनाने के लिए कथित तौर पर कंपनी के फंड का इस्तेमाल करने के मामले में जांच शुरू हुई है.

इन एंगल से हो रही है जांच

खबर के मुताबिक, टेस्ला बोर्ड (Tesla Board) के मेंबर्स ने यह पता लगाने के लिए एक जांच शुरू की है कि क्या कंपनी के संसाधनों का सही में दुरुपयोग किया गया है और क्या मस्क की इसमें कोई भूमिका थी? एक इंटरनल एनक्वायरी में पूछे गए सवालों में से एक यह है कि प्रोडक्ट पर कर्मचारी का कितना समय खर्च किया गया था. जांच की स्थिति या रिजल्ट अभी तक सामने नहीं आए हैं. पिछले साल, ब्लूमबर्ग ने बताया था कि टेस्ला यह पता लगाने के लिए ग्लास ऑर्डर पर गौर कर रही है कि क्या मस्क के निजी इस्तेमाल के लिए सामग्री सुरक्षित की जा रही थी.

मस्क ने किया ट्वीट

साल 2021 में मस्क (Elon Musk) ने ट्विटर पर खुलासा किया था कि वह साउथ टेक्सास में अपनी कंपनी स्पेसएक्स से 50,000 डॉलर के किराए के घर में रहते हैं. उन्होंने ट्वीट किया- मेरा वास्तविक घर वैसे बोका चीका/स्टारबेस में $50k का घर है जिसे मैंने स्पेसएक्स से किराए पर लिया है. यह बहुत बढ़िया है. बे एरिया में मेरा एकमात्र घर इवेंट हाउस है. अगर मैंने इसे बेच दिया, तो घर का उपयोग कम हो जाएगा, जब तक कि इसे किसी बड़े परिवार द्वारा न खरीदा जाए, जो किसी दिन हो सकता है.

ग्लास क्यूब के आकार में दिखा स्ट्रक्चर

एक कॉन्सेप्ट में ट्विस्टेड हेक्सागोन या मैनहट्टन में ऐप्पल के स्टोर की याद दिलाने वाले ग्लास क्यूब के आकार में एक स्ट्रक्चर दिखाई गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह एक पर्सनल जगह हो सकती है, क्योंकि इसमें बेडरूम, टॉयलेट और किचन शामिल हैं. पता चला है कि टेस्ला के कर्मचारी पिछले साल से गुपचुप तरीके से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे.

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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