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ड्रीम गर्ल ‘पूजा’ के चक्कर में अब तक कुंवारे हैं सलमान खान? क्या कल खुलने वाला है कोई बड़ा राज!

Dream Girl 2 On Eid 2023: हिंदी सिनेमा के मशहूर एक्टर आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) की फैन फॉलोइंग काफी ज्यादा है. आलम ये है कि फैंस आयुष्मान खुराना की फिल्म ‘ड्रीम गर्ल 2’ (Dream Girl 2) का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. पार्ट वन की अपार सफलता के बाद मेकर्स फैंस के लिए ड्रीम गर्ल 2 की सौगात लेकर आ रहे हैं. इस बीच ‘ड्रीम गर्ल 2’ का एक लेटेस्ट प्रोमो वीडियो सामने आया है, जिसमें ‘किसी का भाई किसी की जान’ (Kisi Ka Bhai Kisi Ka Jaan) स्टार सलमान खान (Salman Khan) का जिक्र किया गया है. 

क्या है सलमान खान और ड्रीम गर्ल का चक्कर

गुरुवार को एक्टर आयुष्मान खुराना ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम हैंडल पर लेटेस्ट वीडियो शेयर किया है. ये वीडियो आयुष्मान खुराना की अपकमिंग फिल्म ‘ड्रीम गर्ल 2’ का लेटेस्ट प्रोमो है. इस वीडियो में आयुष्मान खुराना पूजा के किरदार में नजर आते हैं, जो फोन पर सलमान खान से बातें करती नजर आ रही हैं. हालांकि ये असली सलमान नहीं बल्कि पूजा के प्यार में दीवाने सलमान हैं.

इस प्रोमो में सलमान की आवाज में ये सुनाई दे रहा है कि उन्होंने पूजा के चक्कर में थोड़ी सी भी शादी नहीं की है और वह अब तक कुंवारे हैं, वे सभी के भाईजान हैं लेकिन पूजा की सिर्फ वो जान हैं. जब पूजा का चेहरा दिखाने की बात होती है तो फिर लाइट चली जाती है. कुल मिलाकार कहा जाए तो ‘ड्रीम गर्ल 2’ का ये प्रोमो वीडियो काफी मजेदार हैं. 


क्या कल रिलीज होगा ‘ड्रीम गर्ल 2’ का ट्रेलर

सलमान खान (Salman Khan) के जिक्र के साथ ‘ड्रीम गर्ल 2’ (Dream Girl 2) इस प्रोमो में ईद पर पूजा होने की चर्चा होती नजर आ रही है. इससे अब ये कयास लगाया जा  रहा है कि हो सकता है कल ‘ड्रीम गर्ल 2’ का ट्रेलर रिलीज किया जा सकता है. हालांकि इस मामले की अभी ऑफिशियल पुष्टि नहीं हुई है. वहीं सलमान खान की फिल्म ‘किसी का भाई किसी की जान’ (Kisi Ka Bhai Kisi Ka Jaan) भी सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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