बॉलीवुड और मनोरंजन

हॉलीवुड में जमे प्रियंका चोपड़ा के कदम तो खुशी से झूमे करण जौहर, बोले- ‘उन्हें ताकत से आगे…’

Karan Johar on Priyanka Chopra Success In Hollywood: प्रियंका चोपड़ा इन दिनों हॉलीवुड की दुनिया में अपने कदम जमा रही हैं. एक अरसे तक बॉलीवुड का हिस्सा रहने और खूब शोहरत हासिल करने के बाद अब एक्ट्रेस हॉलीवुड में अपनी पारी खेल रही हैं. अपनी दमदार परफॉर्मेंस और आउटस्टैंडिंग फैशन सेंस के साथ अनफ़िल्टर्ड बयानों से दिल जीतना प्रियंका के लिए बाएं हाथ का खेल है.

प्रियंका चोपड़ा ने बॉलीवुड छोड़कर हॉलीवुड में काम करना शुरू कर दिया है. सिटाडेल के साथ उन्होंने वर्ल्ड लेवल पर अपनी अलग पहचान बनाई. कुछ समय पहले एक्ट्रेस ने बॉलीवुड को अलविदा कहने का राज भी बताया था और कहा था कि फिल्म इंडस्ट्री में उन्हें एक कोने में धकेला जा रहा था.


‘उन्हें ताकत से आगे बढ़ते हुए देखना…’  
प्रियंका चोपड़ा के बॉलीवुड छोड़ने और इसकी वजह बताने के बाद करण जौहर के साथ उनके झगड़े को लेकर भी सवाल उठने लगे थे. वहीं अब करण जौहर ने उन तमाम चीजों को पीछे छोड़कर प्रियंका को हॉलीवुड में अपने दम पर कामयाब होता देख उनकी तारीफ की है. ईटी कनाडा के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें (प्रियंका चोपड़ा) को ताकत से आगे बढ़ते हुए देखना शानदार है.

प्रियंका चोपड़ा को बताया वंडर्फुल
करण जौहर ने कहा, प्रियंका चोपड़ा ने अपनी शर्तों पर हासिल की है और जिस तरह से उन्होंने इसके बारे में जाना है, वह हमेशा हर मंच पर वंडर्फुल रही हैं. वह हर चीज जिसके लिए वह खड़ी होती है और उसे लीड करती हैं, वो शानदार है.

प्रियंका के बॉलीवुड छोड़ने की थी ये वजह
बता दें कि कुछ महीने पहले, प्रियंका चोपड़ा ने आर्मचेयर एक्सपर्ट पर बात करते हुए खुलासा किया था कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में उन्हें एक कोने में धकेला जा रहा था. लोग उन्हें कास्ट नहीं कर रहे थे और वह राजनीति से थक गई थीं. ऐसे में उन्होंने फैसला किया कि अब ब्रेक की जरूरत है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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