भारत

जानें- बजट के बाद क्या हुआ सस्ता और क्या हुआ महंगा

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2017-18 का बजट संसद में पेश किया गया। भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब आम बजट और रेल बजट एक साथ पेश किया गया। नोटबंदी के बाद लोगों को उम्मीद थी कि उन्हें इस बजट में राहत मिलेगी। हर बार की तरह इस बार भी बजट के बाद कुछ चीजें महंगी हुई और कुछ चीजें सस्ती हुईं। आइए जानें कि इस बार बजट में सरकार ने कौन सी चीजें सस्ती की और कौन सी चीजें महंगी।

 

सस्ता- पवन चक्की, आरओ, पीओएस, पार्सल, लेदर का सामान, सोलर पैनल,प्राकृतिक गैस, निकेल, बायोगैस, नायलॉन, रेल टिकट खरीदना, सस्ता घर देने का प्रयास, टैक्स में मध्यम वर्ग को राहत देने का प्रयास, भूमि अधिग्रहण पर मुआवजा टैक्स मुक्त होगा, छोटी कंपनियों को टैक्स में राहत, 50 करोड़ तक सालाना टर्न ओवर वाली कंपनियों को 25% टैक्स पहले 30% था, 2 करोड़ तक टर्न ओवर वाली कंपनियों पर 6% टैक्स लगेगा पहले से 2% कम हुआ। इनकम टैक्स छूट की सीमा बढ़ाई। 3 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। 3 लाख से 5 लाख तक आमदनी पर 5% लगेगा, 5 से 10 लाख की आय पर 20% टैक्स लगेगा, 10 लाख से ऊपर आय पर 30% टैक्स लगेगा। स्टार्ट अप के लिए टैक्स रियायतें लेने के नियमों में राहत। सौर उर्जा बैटरी और पैनल के विनिर्माण में काम आने वाले सोलर टैम्पर्ड ग्लास को सीमा शुल्क से छूट।

महंगा- मोबाइल फोन, पान मसाला, सिगरेट, एलईडी बल्ब, चांदी का सामान, तंबाकू, हार्डवेयर, सिल्वर फॉयल, स्टील का सामान, ड्राय फ्रूट्स, चांदी के गहने, स्मार्टफोन। पान मसाला पर उत्पाद शुल्क 6% से बढ़ाकर 9%, गैर-प्रसंस्कृत तंबाकू पर 4.2 से बढ़ाकर 8.3% किया गया। तंबाकू (गुटखा) वाले पान मसाला पर उत्पाद शुल्क 10% से बढ़ाकर 12%किया गया। 65 मिलिमीटर तक लंबाई वाली सिगरेट पर उत्पाद शुल्क 215 रुपये प्रति एक हजार से बढ़ाकर 311 रुपये प्रति हजार किया गया। एल्यूमीनियम महंगा, इसके अयस्क और कंसंट्रेट पर आयात शुल्क शून्य से बढ़ाकर 30% किया गया। मोबाइल फोन विनिर्माण में काम आने वाले प्रिंटेड सर्किट बोर्ड पर सीमा शुल्क शून्य से बढ़ाकर 2% किया गया। एलईडी बल्ब विनिर्माण में उपयोग होने वाले कलपुजों पर पांच प्रतिशत की दर से मूल सीमा शुल्क और 6% प्रतिपूर्ति शुल्क लगेगा। सिगार, सुल्फी (चुरट) पर उत्पाद शुल्क बढ़ाकर 12.5% अथवा प्रति हजार 4006 रुपये जो भी अधिक होगा, किया गया। पहले यह दर 12.5% और 3,755 रुपये प्रति हजार थी।

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

6 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button