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सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद ट्रोल हुईं रिया चक्रवर्ती ने अब दिया करारा जवाब,जानिए क्या कहा

Rhea Chakraborty Instagram Post: बॉलीवुड एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) इन दिनों एमटीवी रोडीज के सीजन 19 में बतौर गैंग लीडर नजर आ रही हैं. शो के लेटेस्ट एपिसोड में रिया ने उन लोगों को करारा जवाब दिया है. जो उन्हें दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद से बुरी तरह ट्रोल कर रहे हैं. इन ट्रोलर्स को रिया ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए कहा कि ‘लोग तो कुछ भी कहते हैं लेकिन हमें हिम्मत नहीं हारनी चाहिए.’

बुरे दिनों को याद करते हुए ये बोलीं रिया चक्रवर्ती
शो के इस एपिसोड का वीडियो रिया चक्रवर्ती ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है. इस वीडियो में रिया शो में आए कंटेस्टेंट से बात करते हुए कह रही हैं कि, बहुत से लोगों ने उनके बारे में भी बहुत सारी बातें बोली हैं. ‘मुझे कई सारे लेबल भी दिए हए..लेकिन क्या मैं उन लेबलों को स्वीकार करूंगी?  क्या मैं उनकी वजह से अपनी लाइफ जीना छोड़ दूंगी..बिल्कुल भी नहीं आप बस उन्हें जाने दो…कौन हैं वो”


रिया के शो का हिस्सा बनने पर मचा था बवाल
बता दें कि रिया चक्रवर्ती ने जब रोडीज में हिस्सा लिया था तो सोशल मीडिया पर काफी बवाल मचा था. शो के फैंस ने इसपर काफी आपत्ति जताई थी. वहीं शो में उनके और गैंग लीडर प्रिंस नरूला के बीच भी कई बार तकरार हो चुकी है. हालांकि अभी भी दोनों इस शो का हिस्सा बना हुए हैं. मालूम हो कि रिया को सुशांत सिंह राजपूत की मौत के दौरान हुई जांच में ड्रग से संबंधित मामले में गिरफ्तार किया गया था.

वर्कफ्रंट की बात करें तो रिया चक्रवर्ती को आखिरी बार 2021 में रिलीज हुई थ्रिलर फिल्म ‘चेहरे’ में अमिताभ बच्चन और इमरान हाशमी के साथ देखा गया था.  अब एक्ट्रेस एमटीवी रोडीज के सीजन 19 में बतौर गैंग लीडर नजर आ रही हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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