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उत्तर प्रदेश में हुई थी इन 10 सुपरहिट फिल्मों की शूटिंग

Ranbir Kapoor Film Animal Box office Collection: बॉलीवुड एक्टर रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) की फिल्म ‘एनिमल’ (Animal) ने बॉक्स ऑफिस पर पर एक सप्ताह पूरा कर लिया है। इस फिल्म ने पूरे सप्ताह जमकर कमाई की है जिसका नतीजा आंकड़ों में साफ दिखाई दे रहा है। फिल्म ‘एनिमल’ को रिलीज हुए भले ही एक सप्ताह हो गया है लेकिन इसकी दीवानगी कम होने का नाम नहीं ले रही है। रणबीर कपूर की फिल्म ने पहले सप्ताह में 300 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है। फिल्म की कमाई को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि अभी ये फिल्म बंपर कलेक्शन करने वाली है। आइए जानते हैं कि रणबीर की फिल्म ‘एनिमल’ ने फर्स्ट वीक में कितना कलेक्शन किया है।

रणबीर कपूर की फिल्म का पहले सप्ताह का कलेक्शन

रणबीर कपूर की फिल्म ‘एनिमल’ ने 1 दिसंबर को सिनेमाघरों में दस्तक दी थी और पहले दिन से लेकर अभी तक धमाकेदार कमाई कर रही है। फिल्म ने पर फर्स्ट वीक में 300.81 करोड़ रुपये का कलेक्शन कर लिया है। वहीं, फिल्म ने साउथ की भाषाओं में 37.82 करोड़ रुपये की कमाई करते हुए भारत में कुल 338.63 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया है। बताते चलें कि फिल्म ‘एनिमल’ ने एक सप्ताह 300 करोड़ रुपये की कमाई करते हुए सनी देओल की फिल्म ‘गदर 2’ को पीछे छोड़ दिया। रणबीर कपूर की फिल्म शाहरुख खान की फिल्में ‘जवान’ और ‘पठान’ के बाद तीसरे नंबर पर है।

फिल्म ‘एनिमल’ के पूरे सप्ताह की कमाई पर डालें नजर

दिन 1-54.75 करोड़ रुपये

दिन 2-58.37 करोड़ रुपये

दिन 3-63.46 करोड़ रुपये

दिन 4-40.06 करोड़ रुपये

दिन 5-34.02 करोड़ रुपये

दिन 6-27.08 करोड़ रुपये

दिन 7-22.35 करोड़ रुपये

रणबीर कपूर और बॉबी देओल की भिड़ंत आ रही पसंद

संदीप वांगा रेड्डी की फिल्म ‘एनिमल’ में रणबीर कपूर के अलावा रश्मिका मंदाना, बॉबी देओल, अनिल कपूर और तृप्ति डिमरी महत्वपूर्ण भूमिका में हैं। रणबीर कपूर की फिल्म ‘एनिमल’ गैंगस्टर फैमिली पर बेस्ड है और इसमें बॉबी देओल ने विलेन का रोल किया है। इस फिल्म में रणबीर कपूर और बॉबी देओल की भिड़ंत को काफी ज्यादा पसंद किया जा रहा है।

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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