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कियारा आडवाणी, करीना कपूर और सुहाना खान एक इवेंट के लिए आईं साथ, बेबो हुईं ट्रोल

Kareena Kapoor Trolled: बॉलीवुड एक्ट्रेस कियारा आडवाणी (Kiara Advani) और करीना कपूर (Kareena Kapoor) साथ में फिल्म ‘गुड न्यूज’ में काम कर चुकी हैं. दोनों का एक ब्रांड के इवेंट पर रीयूनियन हुआ. इन दोनों एक्ट्रेस के साथ शाहरुख खान की बेटी सुहाना खान (Suhana Khan) भी नजर आईं. सुहाना फिल्म ‘द आर्चीज’ से इंडस्ट्री में डेब्यू करने जा रही हैं. इवेंट में तीनों एक्ट्रेसेस ग्लैमरस अवतार में नजर आईं. तीनों का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें करीना के एटिट्यूड को देखकर लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं. कई यूजर्स कह रहे हैं कि करीना इनसिक्यॉर हो रही हैं.

लुक की बात करें तो करीना कपूर ब्लैक स्टेपलेस गाउन में नजर आईं. उन्होंने अपना लुक डार्क आईमेकअप के साथ कंप्लीट किया. वहीं सुहाना खान ने रेड कलर का स्ट्रेपलेस गाउन पहना था. जिसमें वह बेहद खूबसूरत लग रही थीं. कियारा की बात करें तो उन्होंने पेस्टल ग्रीन कलर का हॉलटेड टॉप और प्लाजो पहना था.

करीना कपूर हुईं ट्रोल
सोशल मीडिया पर तीनों की पैपराजी को पोज देते हुए वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो को देखने के बाद हर किसी का ध्यान करीना की तरफ जा रहा है. करीना का एटिट्यूड कुछ लोगों को पसंद नहीं आ रहा है. वह उन्हें ट्रोल कर रहे हैं. एक ने लिखा- करीना खुश नहीं हैं. वहीं दूसरे ने लिखा- करीना बीच में आना चाहती थीं, सच में एटिट्यूड, बॉडी लैंग्वेज. बेचारी कियारा को समझ नहीं आ रहा. वहीं एक ने लिखा- करीना सच में जैलेस और अनकंफर्टेबिल नजर आ रही हैं.

वर्कफ्रंट की बात करें तो करीना कपूर जल्द ही ओटीटी डेब्यू करने जा रही हैं. उनकी थ्रिलर ड्रामा फिल्म जाने जान इसी महीने ओटीटी पर रिलीज होने वाली है. वहीं कियारा आडवाणी अपनी तेलुगू फिल्म गेम चेंजर की तैयारियों में लगी हुई हैं. इस फिल्म में वह राम चरण के साथ नजर आएंगी. वहीं सुहाना की बात करें तो वह अपनी डेब्यू फिल्म द आर्चीज के प्रमोशन में बिजी हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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