भाजपा की ओर से उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बने वेंकैया नायडू

भाजपा की ओर से वेंकैया नायडू को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि मुकाबले में दो ऐसे व्यक्ति हैं जिनकी शख्सियतें बिल्कुल अलग हैं। नायडू साधारण पृष्ठभूमि से निकलकर यहां तक पहुंचे हैं। जाहिर है, उनका उपराष्ट्रपति बनना भाजपा के दक्षिण भारत अभियान को बल देगा।
जानिए वेंकैया नायडू से जुडी दस बड़ी बातें:-
वेंकैया नायडू जन्म: एक जुलाई, 1949 को आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में। पिता रंगैया नायडू खेतिहर थे।
शिक्षा: नेल्लोर से स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद वहीं से राजनीति एवं कूटनीति में बीए। विशाखापत्तनम के लॉ कालेज से अंतरराष्ट्रीय कानून में डिग्री।
विवाह: 14 अप्रैल, 1971 को उषा से शादी। एक बेटा और एक बेटी।
राजनीतिक करियर:
– शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक के रूप में। फिर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में रहे और कॉलेज यूनियन के अध्यक्ष बने।
– 1972 में जय आंध्रा आंदोलन से नेता के रूप में मशहूर हुए।
-1974 में जयप्रकाश नारायण की छात्र संघर्ष समिति में आंध्र प्रदेश के संयोजक बने। इमरजेंसी का विरोध करने के लिए 1977-80 तक जेल में रहे।
– महज 29 साल की उम्र में 1978 में पहली बार विधायक बने। 1983 में भी विधानसभा पहुंचे और धीरे-धीरे राज्य में भाजपा के सबसे बड़े नेता बनकर उभरे
– 1998 में पहली बार कर्नाटक से राज्यसभा के लिए चुने गए। उसके बाद 2004 और 2010 में भी उसी राज्य से सदन पहुंचे। चौथी बार 2016 में इस सदन के लिए उन्हें राजस्थान से चुना गया।
– 1996-2000 तक पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रहे। इस दौरान उनकी हिंदी पर मास्टरी और प्रेस कांफ्रेंस में उनके चुटीले अंदाज ने उन्हें राष्ट्रीय मीडिया का प्रिय बना दिया। इसी खूबी के कारण वे दक्षिण के एकमात्र नेता हैं जिनकी उत्तर भारत की रैलियों में भी भारी भीड़ जुटती है।
– 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री रहे।
– 2002 में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया।
-2004 में तीन साल के लिए फिर यह कुर्सी मिली लेकिन उसी साल आम चुनाव में पार्टी की हार के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया
– 2014 के आम चुनाव में पार्टी की जीत के बाद केंद्र में शहरी विकास मंत्री बने।