टैकनोलजी

बढ़ने वाली है वीडियो अपलोड लिमिट, जल्द ब्लू टिक यूजर्स इतने मिनट का कंटेंट कर पाएंगे अपलोड

Twitter Will Increase video Upload limit: एलन मस्क ने कुछ समय पहले ब्लू टिक यूजर्स को ये लाभ दिया था कि वे प्लेटफार्म पर 2 घंटे तक का एचडी कंटेंट अपलोड कर सकते हैं. इसके बाद कई यूजर्स ने इस सुविधा का जमकर फायदा उठाया और पूरी-पूरी मूवी, सीरियल आदि को ट्विटर पर अपलोड किया. लॉन्ग वीडियो अपलोड करने का ऑप्शन केवल पेड यूजर्स के पास है. फ्री यूजर्स केवल 2 मिनट और 20 सेकंड की वीडियो ट्विटर पर अपलोड कर सकते हैं. इस बीच मस्क जल्द लॉन्ग वीडियो की टाइमिंग को बढ़ाने वाले हैं. 

इतने मिनट की वीडियो कर पाएंगे अपलोड 

दरअसल, ट्विटर पर Lex Fridman नाम के एक यूजर ने मस्क से कहा कि बेहतर होगा यदि हम प्लेटफार्म पर 3 घंटे का कंटेंट अपलोड कर पाएं. इसके जवाब में मस्क ने कहा ये जल्द आ रहा है. यानि ब्लू टिक यूजर्स जल्द 180 मिनट तक का वीडियो कंटेंट ट्विटर और अपलोड कर पाएंगे.

मस्क ने ट्विटर पर लगाई रीड लिमिट 

एलन मस्क ने ट्विटर पर रीड लिमिट लगा दी है. इसके तहत ब्लू टिक यूजर्स एक दिन में केवल 10,000 पोस्ट, अनवेरिफाइड यूजर्स 1,000 पोस्ट और न्यूली एड अनवैरिफाइड लोग केवल 500 पोस्ट एक दिन में देख सकते हैं. लिमिट पूरी होने के बाद ऐप लॉक्ड हो जाएगा और आप अगले दिन ही इसे यूज कर पाएंगे. इसके अलावा मस्क ने ट्विटर को ओपन प्लेटफार्म से हटा दिया है और अब लोगों को ट्विटर का कंटेंट देखने के लिए इसपर अकाउंट बनाना होगा. यानि आप बिना अकाउंट के ट्विटर का कोई भी कंटेंट नहीं देख सकते.

स्मार्ट टीवी के लिए जल्द आएगा वीडियो ऐप 

एलन मस्क स्मार्ट टीवी के लिए ट्विटर का वीडियो ऐप भी लाने वाले हैं. एक यूजर ने कुछ समय पहले मस्क को टैग कर ये लिखा था कि लंबी वीडियो को फोन में देखना परेशानी देता है, बेहतर होगा कि हम सब इसे टीवी पर देख पाएं. इसके जवाब में मस्क ने कहा कि जल्द ये भी आएगा. यानि स्मार्ट टीवी पर जल्द आप ट्विटर वीडियो को देख पांएगे. 

यह भी पढ़ें: Smartphone: इस हफ्ते लॉन्च होंगे 5 स्मार्टफोन, नया लेने की सोच रहे लोग देख लें कीमत और स्पेक्स

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button