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फ्री मिल रहा है iPhone 15! कहीं आप भी तो नहीं फंस गए इस मैसेज के जाल में

iPhone 15 Scam :  एप्पल ने 12 सितंबर को अपनी आईफोन 15 सीरीज लॉन्च की थी, जिसमें एप्पल ने iPhone 15, iPhone 15 Plus, iPhone 15 Pro और iPhone 15 Pro Max लॉन्च किए थे, ये तीनों ही फोन्स सेल के लिए उपलब्ध है, लेकिन इनके लिए लंबा वेटिंग पीरियड चल रहा है. ऐसे में साइबर ठग इसका फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं.

हाल ही में साइबर ठगों ने एक मैसेज का तेजी से वायरल किया है, जिसमें उन्होंने दावा किया है भारतीय पोस्ट ऑफिस की ओर से नवरात्रि के अवसर पर लकी ड्रॉ में आईफोन 15 दिया जाएगा और इस लकी ड्रॉ में शामिल होने के लिए यूजर्स को बस वॉट्सऐप पर कुछ ग्रुप क्रिएट करने होने और 20 लोगों को मैसेज करना होगा. अगर आपके पास भी ऐसा कोई मैसेज आया है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए.

इंडियन पोस्ट ऑफिस ने मैसेज पर दी ये प्रतिक्रिया

मिनिस्ट्री ऑफ कम्यूनिकेशन के तहत डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट ने X प्लेटफॉर्म पर अपने आधिकारिक अकाउंट के जरिए यूजर्स को एक स्कैम की जानकारी दी है. एक फिशिंग मैसेज में झूठा दावा किया जा रहा है कि इंडिया पोस्ट लकी विनर्स को नया iPhone 15 दे रहा है. 

India post ने ट्वीट करते हुए कहा है, “कृपया सावधान रहें! इंडिया पोस्ट किसी भी अनाधिकारिक पोर्टल या लिंक के जरिए किसी भी तरह का गिफ्ट नहीं देता है. इंडिया पोस्ट से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए कृपया आधिकारिक वेबसाइट.. Indiapost.gov.in पर जाएं.”

भारतीय पोस्ट ऑफिस ने अपनी एडवाइजरी में वायरल मैसेज का स्क्रीनशॉट भी शामिल किया है, जिसमें दावा किया गया है कि नवरात्रि में गिफ्ट के तौर पर एक व्यक्ति को आईफोन 15 मिलेगा. साथ ही मैसेज में निर्देश देते हुए कहा गया है कि, इस मैसेज को वॉट्सऐप पर 5 ग्रुप या 20 दोस्तों को शेयर करने पर एक लिंक मिलेगी. जिस पर क्लिक करने पर गिफ्ट क्लेम किया जा सकता है.

भारतीय पोस्ट ऑफिस ने दी चेतावनी

इंडिया पोस्ट ने चेतावनी दी है कि यह मैसेज फेक है और यूजर्स से ऐसे मैसेजेज को फॉरवर्ड न करने की सलाह दी जाती है. इसमें अनधिकृत लिंक दिया जाता है इन पर क्लिक करने से बचना चाहिए.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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