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WhatsApp चैनल ज्वाइन कर बार-बार आ रहे मेसेजेस से हो रहे हैं इरिटेट तो ऐसे कीजिए Unfollow 

How to unfollow WhatsApp channel? वॉट्सऐप ने कुछ समय पहले ही भारत में चैनल फीचर को लाइव किया है. इसकी मदद से आप अपने मनपसंद सेलब्स, क्रिएटर और संस्थान के साथ जुड़ सकते हैं. चैनल फीचर में आपकी और एडमिन की जानकारी एकदम सुरक्षित रखती है और इसमें कितने भी लोग जुड़ सकते हैं. किसी भी चैनल को ज्वाइन करना एकदम आसान है. आप चैनल ऑप्शन के पास मौजूद 3 डॉट मेन्यू से किसी भी चैनल को सर्च कर सकते हैं. चैनल ज्वाइन करने के बाद आपको समय-समय पर उसमें आ रहे नए अपडेट मिलते रहेंगे.

वॉट्सऐप चैनल कई लोगों को पसंद नहीं आ रहा है और वे इससे ज्यादा डेटा के खपत की शिकायत भी कर रहे हैं.अगर आपको भी चैनल फीचर पसंद नहीं आया है तो आप जुड़े हुए चैनल से खुद को unfollow करवा सकते हैं. इसके लिए आपको सम्बंधित चैनल को खोलना है और टॉप राइट में मौजूद तीन डॉट पर क्लिक कर Unfollow के ऑप्शन पर क्लिक करना है. ऐसा करते ही आप उन चैनल से एग्जिट हो जायेंगे.

खुद का चैनल ऐसे बना सकते हैं

अगर आप खुद का वॉट्सऐप चैनल बनाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको वॉट्सऐप में जाकर चैनल ऑप्शन में आना होगा जो आपको Updates के अंदर मिलेगा. इसके बाद 3 डॉट मेन्यू पर टैप कर क्रिएट चैनल पर क्लीक करें और चैनल का नाम और डिस्क्रिप्शन डालें. इसके बाद क्रिएट चैनल पर क्लिक कर दें. इस तरह आपका वॉट्सऐप चैनल बन जाएगा. चैनल में लोगों को जोड़ने के लिए आप चैनल का लिंक शेयर कर सकते हैं.

बता दें, आप यूट्यूब चैनल की तरह वॉट्सऐप चैनल से भी कमाई कर सकते हैं लेकिन इसके लिए शर्त ये है कि आपका पॉपुलर होना जरुरी है. क्योकि पॉपुलर होने पर आपको ब्रांड डील्स, प्रमोशन आदि मिलेंगे जिन्हें आप वॉट्सऐप चैनल में प्रोमोट कर पैसा कमा सकते हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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