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‘वह दौर मौत से कम नहीं था’, पति से तलाक के बाद शराब की लत लगने पर बोलीं पूजा भट्ट

Pooja Bhatt on Divorce: बिग बॉस ओटीटी सीजन 2 (Bigg Boss OTT Season 2) में वीकेंड का वार एपिसोड के बाद कंटेस्टेंट बुझे-बुझे से नजर आ रहे हैं. इसी बीच बिग बॉस कंटेस्टेंट पूजा भट्ट ने अपने तलाक और शादी को लेकर बड़े खुलासे किए हैं. अपनी पास्ट लाइफ के बारे में बात करे हुए पूजा भट्ट ने कहा कि पति से तलाक उनके लिए मौत से कम नहीं था. उन्होंने कहा कि तलाक के बाद उन्होंने काफी कुछ सहना पड़ा और उसके बाद उन्हें शराब की लत लग गई थी. कंटेस्टेंट पूजा भट्ट ने ये भी कहा कि ना चाहते हुए भी उन्हें इस परिस्थिति से गुजरना पड़ा. हालांकि अब ना तो वो किसी इंसान पर डिपेंड हैं और ना ही शराब पर.

पूजा भट्ट ने बताई तलाक की वजह 

फिल्म डायरेक्टर महेश भट्ट की बड़ी बेटी पूजा भट्ट ने तलाक के बारे में खुलकर बात की. उन्होंने अपने पति के बारे में कहा, ‘ऐसा नहीं है कि वह मुझे परेशान करता था लेकिन मुझे लग रहा था कि शादी के बंधन में बंधे रहने से मैं वो सब नहीं कर सकती थी तो मैं अब कर रही हूं. बस इसी वजह से मैंने अलग होने का फैसला लिया था.’ पूजा भट्ट ने आगे बताया कि शादी के बाद लोग उनसे पूछते थे कि मैं कैसी हूं. और मैं कहती थी मैं ठीक हूं. लेकिन 11 साल बाद रिश्ता टूटना मौत की तरह लग रहा था.’

शो में बेटी पूजा से मिलने पहुंचे महेश भट्ट

महेश भट्ट अपनी बेटी पूजा से मिलने बिग बास के घर पहुंचे थे. इस बारे में बात करते हुए एक्ट्रेस ने बताया कि उनके पिता महेश भट्ट दूसरी बार बिग के घर में पहुंचे थे. पहली बार वह सनी लियोन से मिलने पहुंचे थे, जो बिग बॉस सीजन 5 का हिस्सा थीं. बता दें कि शो अब ग्रैंड फिनाले की ओर बढ़ रहा है. सलमान खान द्वारा होस्ट किए जाने वाला शो ‘बिग बॉस ओटीटी सीजन 2’ को काफी पसंद किया जा रहा है. अब फिनाले को बस कुछ ही दिन बचे हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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