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‘डंकी’ की शूटिंग के दौरान शाहरुख खान से हो गई थी गलती? मांगनी पड़ी थी विक्की कौशल से माफी

Koffee With Karan 8: विक्की कौशल इन दिनों अपनी फिल्म ‘सैम बहादुर’ को लेकर सुर्खियों में हैं. उनकी फिल्म 1 दिसंबर को रणबीर कपूर की फिल्म ‘एनिमल’ के साथ रिलीज हुई थी. क्लैश के बावजूद फिल्म बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा रही है. इस बीच विक्की कौशल करण जौहर के चैट शो कॉफी विद करण 8 में पहुंचे. इस दौरान एक्टर ने ‘डंकी’ में शाहरुख खान के साथ अपना वर्क एक्सपीरियंस शेयर किया और साथ ही रिवील किया कि किंग खान ने उन्हें सॉरी कहा था.

करण जौहर के शो में बात करते हुए विक्की कौशल ने कहा- ‘शाहरुख सर ने मुझसे कहा कि डंकी मेरा अब तक का सबसे अच्छा काम है. उनसे मिलना और फिर उनके साथ स्क्रीन शेयर करना और उनके साथ काम करना अविश्वसनीय था. उनसे सीखने के लिए बहुत कुछ था. मैं जानता था कि एक एक्टर के तौर पर उनसे सीखने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन जो बात मुझ पर हावी हुई वह यह थी कि मुझे पता चला कि वह इस मुकाम पर क्यों हैं और वह बादशाह क्यों हैं.’


इस वजह से शाहरुख ने विक्की को किया था देर रात कॉल
विक्की कौशल ने आगे बताया- ‘शूटिंग के दौरान एक दिन शाहरुख सर को एक बहुत ही जरूरी काम के लिए दिल्ली जाना पड़ा और यह किसी दूसरे समय और किसी दूसरी तारीख पर नहीं हो सकता था फिल्म में मेरे किरदार के लिए बहुत ही अहम सीन था जो कि उनके साथ था. वह उस शॉट के लिए वहां मौजूद नहीं हो सके और मुझे वह शॉट बॉडी डबल के साथ देना पड़ा. उन्होंने दिल्ली में अपना काम पूरा कर लिया और फिर उन्होंने मुझे देर रात फोन किया लेकिन मैं इवेंट की वजह से रिसीव नहीं कर सका.’

मैसेज कर शाहरुख ने कहा- ‘सॉरी’
विक्की कौशल ने आगे बताया कि इसके बाद शाहरुख खान ने उन्हें एक लंबा मैसेज भेजा, जिसमें लिखा था, ‘विक्की हम दोबारा करेंगे किसने शूट किया. मुझे माफ करना कि मैं शॉट देने के लिए वहां मौजूद नहीं रह सका.’ इसके बाद विक्की कौशल ने उन्हें फोन करना पड़ा और उन्हें भरोसा दिलाना पड़ा कि सब कुछ ठीक हो गया और राजू सर शॉट से खुश हैं. विक्की बताते हैं कि उस वक्त वे इस बात से भी घबराए हुए थे कि क्या वे वह शॉट दोबारा कर पाएंगे.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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