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नाक पर चोट…आंखों में गुस्सा, शाहिद कपूर ने दिखाई ‘ब्लडी डैडी’ के पोस्टर की झलक

Bloody Daddy First Look Poster: बॉलीवुड एक्टर शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) की नई फिल्म ब्लडी डैडी (Bloody Daddy) का फर्स्ट लुक पोस्टर शेयर किया है. इसमें एक्टर एक अलग अंदाज में नजर आ रहे हैं. इस फिल्म के डायरेक्टर अली अब्बास जफर हैं जो इससे पहले सलमान खान की ब्लॉकबस्टर फिल्म सुलतान का निर्देशन कर चुके हैं. पोस्टर में शाहिद कपूर के लुक की जमकर तारीफ हो रही है.

‘ब्लडी डैडी’ का फर्स्ट लुक पोस्टर आया सामने|
शाहिद कपूर ने इंस्टाग्राम हैंडल पर फैंस को ‘ब्लडी डैडी’ के पोस्टर की झलक दिखाई है. इसमें देखा जा सकता है कि एक्टर इंटेंस अवतार में नजर आ रहे हैं. नाक पर चोट का निशान, आंखों में गुस्सा और शर्ट के कॉलर पर खून लगा दिख रहा है. शाहिद ने पोस्टर शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, ‘टीजर बहुत जल्द लॉन्च किया जाएगा.’


फिल्म ब्लडी डैडी में ये सितारे भी आएंगे नजर
‘ब्लडी डैडी’ शाहिद कपूर की एक एक्शन थ्रिलर फिल्म है जिसमें रॉनित रॉय, संजय कपूर, डायना पेंटी और विवान भतेना जैसे सितारे अहम रोल में नजर आएंगे. इस पोस्टर को ट्विटर पर शेयर करते हुए रॉनित रॉय ने लिखा, ‘जब मैं इसकी शूटिंग कर रहा था तो मैं एक्साइटेड था. अब इसे देखने के लिए और भी अधिक एक्साइटेड हूं.’ मालूम हो कि ‘ब्लडी डैडी’ साल 2011 में रिलीज हुई फ्रेंच फिल्म Nuit Blanche का ऑफिशियल अडॉप्शन है.

शाहिद ने ‘फर्जी’ में अपनी एक्टिंग से लूटी महफिल

इससे पहले शाहिद कपूर (Shahid Kapoor)  वेब सीरीज फर्जी (Farzi) में नजर आए थे, जिसमें उन्होंने अपनी एक्टिंग से फैंस का दिल जीत लिया था. राज और डीके के डायरेक्शन में बनी इस सीरीज में शाहिद कपूर ने सनी नाम के आर्टिस्ट का रोल निभाया था, जो अपने टैलेंट का इस्तेमाल करके फेक नोट छापने लगता है. सीरीज में विजय सेतुपति और राशि खन्ना की एक्टिंग को भी लोगों  ने खूब सराहा.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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