टैकनोलजी

एंड्रॉइड यूजर्स के लिए लॉन्च हुआ ChatGPT, ऐसे डाउनलोड करें ओरिजिनल ऐप 

How to download ChatGPT app for Android: ओपन एआई ने कुछ दिन पहले प्लेस्टोर पर चैट जीपीटी ऐप के लिए प्री-आर्डर पेज लाइव किया था. अब कंपनी ने बीते दिन ऐप को कुछ देशो में लॉन्च कर दिया है. ओपन एआई ने ऐप भारत, ब्राजील, US और बांग्लादेश में लॉन्च किया है. आने वाले समय में कंपनी इसे दूसरे देशो में भी लॉन्च करेगी. फिलहाल इन देशों के यूजर्स प्लेस्टोर पर जाकर ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं. ध्यान दें, प्लेस्टोर से उसी ऐप को डाउनलोड करें जिसे ओपन एआई ने पब्लिश किया हो. अगर आप दूसरा कोई ऐप डाउनलोड कर लेते हैं तो आपका डेटा लीक या हैक हो सकता है. दरअसल, प्लेस्टोर पर एक ही नाम से कई ऐप्लिकेशन मौजूद हैं जिन्हें हैकर्स द्वारा इसी काम के लिए बनाया गया है ताकि वे लोगों का डेटा चुरा पाएं. ऐसे में सावधानी से ऐप को इनस्टॉल करें.

चैट जीपीटी को ओपन एआई ने पिछले साल लॉन्च किया था. इस चैटबॉट ने बेहद कम समय में इतनी पॉपुलैरिटी हासिल की कि ये आज ये दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है. एंड्रॉइड फोन के लिए चैट जीपीटी ऐप के इंटरफेस को थोड़ा बदला गया है लेकिन इसके काम-काज करने का तरीका वही है. चैटबॉट से आप वेब की तरह ही सवाल जवाब कर सकते हैं. ऐप यूज करते हुए आपको ऐसा लगेगा जैसे आप किसी दोस्त से बात कर रहे हों.

ऐसे करने डाउनलोड 

  • सबसे पहले प्लेस्टोर पर जाएं और ChatGPT ऐप लिखें 
  • अब आपको ओपन एआई के लोगो वाला एक ऐप दिखेगा. आपकी सुविधा के लिए हम यहां इसकी तस्वीर जोड़ रहे हैं
  • ऐप को इंस्टाल करने के बाद आईडी पासवर्ड की मदद से लॉगिन करें, अगर आप पहली बार ऐप यूज कर रहे हैं तो गूगल की मदद से रजिस्ट्रेशन कर लें.

ऐसे लोग जो पुराने अकाउंट से लॉगिन करेंगे वे अपने पुराने कन्वर्सेशन भी देख पाएंगे. यानि आपने जो सवाल-जवाब वेब में किए होंगे वो आपको ऐप में भी दिखेगा. बता दें, चैट जीपीटी के इस वक्त 2 वर्जन मौजूद हैं. पहला फ्री जो चैट जीपीटी-3 पर बेस्ड है और दूसरा एडवांस GPT-4 पर. GPT-4 में आपको जवाब इंटरनेट से भी मिलेंगे. यानि ये चैटबॉट इंटरनेट से भी चीजें सर्च कर सकता है जबकि फ्री वर्जन में ऐसा नहीं है. 

यह भी पढ़ें: QLED TV और OLED TV में क्या है अंतर, जानें टेक्नोलॉजी में कौन है स्मार्ट

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button