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PM Modi से मिले Bill Gates, टेक के इन 5 मु्ख्य मुद्दों पर हुई चर्चा

PM Modi and Bill Gates: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स के बीच शुक्रवार 29 मार्च, 2024 को पीएम आवास पर एक मीटिंग हुई है. इस मीटिंग में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई से लेकर डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और जलवायु परिवर्तन की समस्याओं से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों समेत कई खास मुद्दों पर चर्चा की गई. इस बातचीत के दौरान बिल गेट्स ने टेक्नोलॉजी को तेजी से अपनाने के साथ-साथ इसमें नेतृत्व करने की क्षमता के लिए भारतीयों की जमकर सराहना की है. आइए हम आपको बताते हैं कि पीएम मोदी और बिल गेट्स के बीच में किन अहम मुद्दों पर बातचीत हुई है.

पीएम मोदी और बिल गेट्स की मीटिंग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स के बीच शुक्रवार 29 मार्च, 2024 को पीएम आवास पर एक मीटिंग हुई है. इस मीटिंग में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई से लेकर डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और जलवायु परिवर्तन की समस्याओं से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों समेत कई खास मुद्दों पर चर्चा की गई. इस बातचीत के दौरान बिल गेट्स ने टेक्नोलॉजी को तेजी से अपनाने के साथ-साथ इसमें नेतृत्व करने की क्षमता के लिए भारतीयों की जमकर सराहना की है. आइए हम आपको बताते हैं कि पीएम मोदी और बिल गेट्स के बीच में किन अहम मुद्दों पर बातचीत हुई है.

भारत की डिजिटल क्रांति पर हुई चर्चा

भारत में डिजिटल क्रांति के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने बिल गेट्स से कहा, ”इंडोनेशिया में G20 शिखर सम्मेलन के दौरान दुनिया भर के प्रतिनिधियों ने भारत में डिजिटल क्रांति को लेकर अपनी जिज्ञासा व्यक्त की. मैंने उन्हें समझाया कि हमने एकाधिकार को रोकने के लिए टेक्नोलॉजी का लोकतंत्रीकरण किया है. यह लोगों द्वारा और लोगों के लिए है.” बिल गेट्स ने भारत और भारत सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि इस देश में एक डिजिटल सरकार है. उन्होंने कहा कि भारत ना सिर्फ टेक्नोलॉजी को अपना रहा है, बल्कि इस क्षेत्र में नेतृत्व भी कर रहा है.

टेक्नोलॉजी के साथ महिलाओं को सशक्त बनाने पर हुई चर्चा

पीएम मोदी ने कहा कि भारत में महिलाएं विशेष रूप से नई टेक्नोलॉजी अपनाने के लिए स्वतंत्र हैं और वो तेजी से नई टेक्नोलॉजी को अपना भी रही हैं. उन्होंने ‘नमो ड्रोन दीदी’ योजना जैसी की चर्चा की, जिसका उद्देश्य विशेष रूप से महिलाओं के बीच टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देना है. मोदी ने कहा कि यह योजना मानसिकता बदलने और नए अवसर प्रदान करने में सफल रही है.

एआई टेक्नोलॉजी पर हुई चर्चा

पीएम मोदी ने बिल गेट्स को यह भी बताया कि 2023 जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान उन्होंने एआई का उपयोग कैसे किया. इसके अलावा पीएम मोदी ने बिल गेट्स को यह भी बताया कि काशी तमिल संगमम इवेंट के दौरान एआई का उपयोग करके उनके हिंदी भाषण को तमिल में ट्रांसलेट किया गया था. पीएम मोदी ने आगे कहा, “ऐतिहासिक रूप से, पहली और दूसरी औद्योगिक क्रांति (Industrial revolutions) के दौरान हम पिछड़ गए क्योंकि हम एक कॉलोनी थे. अब चौथी औद्योगिक क्रांति का कोर डिजिटल एलिमेंट ही है. मुझे विश्वास है कि भारत को इसमें बहुत फायदा होगा. एआई बहुत महत्वपूर्ण है. कभी-कभी मैं मजाक में कहता हूं कि हमारे देश में हम अपनी मां को ‘आई’ कहते हैं. अब मैं कहता हूं कि जब बच्चा पैदा होता है तो वह ‘आई’ के साथ-साथ एआई भी कहता है क्योंकि आजकल बच्चे काफी एडवांस हो गए हैं.”

एआई की चुनौतियों पर हुई चर्चा

एआई टेक्नोलॉजी दुनियाभर के लिए जितनी सुविधाएं लेकर आई है, उतनी ही चुनौतियां भी अपने साथ लाई है. पीएम मोदी ने बिल गेट्स के साथ डीपफेक टेक्नोलॉजी जैसी एआई की चुनौतियों पर भी चर्चा की. मोदी ने एआई द्वारा उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के महत्व पर जोर दिया. इसके अलावा पीएम ने बिल गेट्स के साथ एआई सिस्टम्स के लिए व्यापक प्रशिक्षण, एआई से बने कंटेंट में वॉटरमार्क जोड़ने और एआई समेत डीपफेक टेक्नोलॉजी को रेगुलेट करने के लिए एक कानूनी ढांचा स्थापित करने जैसे उपायों पर भी चर्चा की है.

ग्रीन हाइड्रोजन प्रॉजेक्ट पर हुई चर्चा

भारत के प्रधानमंत्री ने नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) और ग्रीन हाइड्रोजन में भारत की प्रगति के बारे में भी बात की. उन्होंने तमिलनाडु में हाइड्रोजन से चलने वाली नाव की शुरूआत को एक महत्वपूर्ण कदम बताया. मोदी ने स्वच्छ गंगा पहल का समर्थन करने के उद्देश्य से इस नाव को काशी-अयोध्या मार्ग में एकीकृत करने का भी प्रस्ताव रखा.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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