बॉलीवुड और मनोरंजन

‘1000 Crore बेंचमार्क होने का वक्त आ गया है’, ‘जवान’ और ‘गदर 2’ की सक्सेस के बाद बोले सलमान खान

Salman Khan At Maujaan Hi Maujaan Promotion: सलमान खान गिप्पी ग्रेवाल की आने वाली फिल्म ‘मौजां ही मौजां’ के ट्रेलर लॉन्च पर पहुंचे. फिल्म 20 अक्टूबर को रिलीज होगी. इस दौरान सलमान खान ने बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर बात की. शाहरुख खान की ‘पठान’ ने 1000 करोड़ से ज्यादा कमाई की और अब ‘जवान’ भी ये आंकड़ा पार करने के करीब है. ऐसे में सलमान खान ने नए बेंचमार्क सेट करने की बात कही.

‘जवान’ और ‘पठान’ के अलावा सनी देओल की फिल्म ‘गदर 2’ ने भी 500 करोड़ के पार कलेक्शन किया है. बॉलीवुड की इन फिल्मों की सक्सेस के बाद अब सलमान खान ने कहा कि अब 1000 करोड़ रुपये जैसे नए बेंचमार्क देखने का वक्त आ गया है क्योंकि 100 करोड़ रुपए क्लब में शामिल होना अब अतीत की बात बन गई है.

‘500-600 करोड़ रुपए का कलेक्शन अब आम है’
इटाईम्स में छपी एक खबर के मुताबिक ‘मौजां ही मौजां’ के ट्रेलर लॉन्च के दौरान सलमान खान ने पंजाबी फिल्मों के बॉक्स ऑफिस पर अच्छे परफॉर्मेंस पर बात की. उन्होंने कहा कि अलग-अलग इंडस्ट्री में फिल्में जिस तरह की कमाई कर रही हैं, वे नए रिकॉर्ड बना रही है. नॉर्थ रीजन में ही अब 500-600 करोड़ रुपए की कमाई होना अब आम बात है.

‘बेंचमार्क 1000 करोड़ रुपए होना चाहिए’
भाईजान ने कहा कि पंजाबी इंडस्ट्री हो या हिंदी फिल्म इंडस्ट्री, हर जगह अब फिल्में 400-500-600 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई कर रही है. मराठी फिल्में भी इस दौर में इतना कलेक्शन कर रही है. सलमान ने कहा, ‘मुझे लगता है कि 100 करोड़ रुपए होना कोई बहुत बड़ी बात नहीं है. मुझे लगता है कि अभी एक फिल्म के लिए बेंचमार्क 1000 करोड़ रुपए होना चाहिए.’

ये भी पढ़ें: बेटी Meera की मौत के बाद पहली बार खुलकर बोले Vijay Antony, छलका तमिल एक्टर का दर्द, कहा- ‘वो मुझसे अब भी बात कर रही है…’

 

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button