योगी सरकार को हाईकोर्ट से लताड़, कहा- मांसाहार से नहीं रोक सकते, सरकार बनवाए बूचड़खाने

बूचड़खाने के मुद्दे पर इलाहबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच यूपी सरकार को फटकार लगाई है. हाईकोर्ट ने 60 पेज का अंतरिम आदेश जारी करते हुए कहा कि बूचड़खाना बनाना सरकार और स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी है.
इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि किसी को मांसाहार खाने से नहीं रोका जा सकता. कोर्ट ने यूपी सरकार की उस दलील को खारिज किया जिसमें सरकार ने कहा था कि बूचड़खाने बनाना सरकार की जिम्मेदारी नहीं है.
इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील वीके सिंह ने कहा, ”सरकार ने अपने इस आदेश से सराकर को बांध दिया है. कोर्ट ने सरकार से कहा है आप ऐसी व्यवस्था करें कि स्थानीय स्तर पर बूचड़खाने बन जाएं. इसके लिए जहां, जहां जमीनों का चिन्हींकरण ननहीं हुआ वहां जल्द से जल्द जमीनों को चिन्हित किया जाए. कोर्ट ने इस बात पर भी जोर दिया कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो ना तो हमारी सेना को और ना ही चिड़ियाघरों को मांस मिलेगा, जबकि ये बहुत जरूरी है.”
इस मामले में अब यूपी सरकार, राज्य के सभी जिलाधिकारी, नगर पालिका परिषद के चेयमैन और खाद्य सुरक्षा विभाग को कोर्ट में अपना रखना है. अगली सुनवाई के लिए 17 जुलाई की तारीख तय की गयी है