बॉलीवुड और मनोरंजन

पवन सिंह और खेसारी लाल यादव की हुई दोस्ती, रवि किशन ने कराया सुलह

Ravi Kishan interview: हाल ही में भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह और खेसारी लाल यादव ने कुछ ऐसा कि सभी लोग दंग रह गए। दरअसल, बीते दिनों भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के लिए पहली बार फिल्मफेयर अवॉर्ड्स का आयोजन किया गया। इस दौरान पवन सिंह और खेसारी लाल यादव एक साथ नजर आए। इस समारोह में पवन सिंह और खेसारी लाल यादव ने एक दूसरे को गले लगाकर विवाद खत्म कर दिया। रिपोर्ट्स की मानें तो इन दोनों की दोस्ती भोजपुरी के सुपरस्टार रवि किशन ने करवाई है। रवि किशन ने इस बारे में मीडिया से भी बातचीत की है, जिसमें उन्होंने एक से बढ़कर खुलासे किए हैं। Also Read – नगमा की खूबसूरती पर फिदा हो गए थे शादीशुदा रवि किशन, बीवी-बच्चों को छोड़ने के लिए भी थे तैयार!

रवि किशन ने कही ये बात

दरअसल, रवि किशन ने आजतक को दिए एक इंटरव्यू में पवन सिंह और खेसारी लाल यादव के बारे में बात की है। रवि ने कहा, ‘दोनों मेरे छोटे भाई है तो ऐसा लगा कि इन दोनों के बीच में चल रहा था मन-मुटाव। तमाशा न बने भोजपुरी सिनेमा का इसलिए मैंने दोनों की दोस्ती फिर से करवाई। इस भोजपुरी इंडस्ट्री के लिए हम लोगों ने काफी मेहनत की है। पवन सिंह और खेसारी लाल दोनों मेरा सम्मान करते हैं इसलिए मैंने इन दोनों से बातचीत की और सारा मामला सुलझा दिया।’ इतना ही नहीं रवि किशन ने आगे कहा, ‘मैंने उन्हें कहा कि मुट्ठी साथ में रहती है तो लोग तोड़ नहीं पाएंगे। अलग रहोगे तो उंगली तोड़ सकते हैं।’

भोजपुरी के इन सितारों को मिला फिल्मफेयर अवॉर्ड

बताते चलें कि भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के लिए पहली बार फिल्मफेयर अवॉर्ड्स का आयोजन किया गया। इस समारोह में पवन सिंह ने बाजी मार ली थी। सबसे पहले उन्हें रील आइकन अवॉर्ड की कैटेगरी में ‘मेरा भारत महान’ के लिए अवॉर्ड मिला । इसके बाद सिंगर ऑफ द ईयर की कैटगरी में भोजपुरी के किंग पवन सिंह को ‘हमरो उमर लग जाए’ के लिए सम्मानित किया गया। वहीं खेसारी लाल यादव को एंटरटेनर ऑफ द ईयर के फिल्मफेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

बॉलीवुड, हॉलीवुड, साउथ, भोजपुरी और टीवी जगत की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें…
बॉलीवुड लाइफ हिन्दी के फेसबुक पेज, ट्विटर पेज,
यूट्यूब पेज
और इंस्टाग्राम अकाउंट से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें…

ताजा गॉसिप के लिए हमें फेसबुक मैसेंजर पर फॉलो करें।


Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button