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आंध प्रदेश रेल हादसे की NIA ने शुरू की जांच, जताई गई थी साजिश की आशंका

 

नई दिल्‍ली/कुनेरु : आंध्र प्रदेश के विजियानगरम जिले में जगदलपुर-भुवनेश्वर हीराखंड एक्सप्रेस हादसे की जांच राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को शुरू कर दी। एनआईए की टीम आज कुनेरु पहुंची। इस हादसे की वजह पटरियों के साथ छेड़छाड़ को भी बताया जा रहा है। हैदराबाद से फोरेंसिक टीम भी पहुंच गई है।  बता दें कि हीराखंड एक्सप्रेस के इंजन एवं नौ डिब्बों के पटरी से उतर जाने के कारण कम से कम 39 यात्रियों की मौत हो गई और 69 अन्य घायल हो गये।

रेलवे ने इस दुर्घटना के पीछे साजिश का संदेह जताया है। गत तीन महीनों में यह तीसरी रेल दुर्घटना है। इस रेल हादसे के पहले ट्रैक से एक मालगाड़ी गुजरी थी। रेलवे के प्रवक्‍ता अनिल सक्सेना ने कहा कि मामला इसलिए गड़बड़ लग रहा है, क्योंकि इस ट्रैक से दो घंटे पहले ही एक मालगाड़ी गुजरी थी। पैट्रोलिंग टीम ने भी शनिवार को ट्रैक को दुरुस्त पाया था।

इस बीच, रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि हीराखंड एक्सप्रेस हादसे के लिए जिम्मेदार पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

पूर्व तट रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी जेपी मिश्रा ने बताया कि कुनेरू स्टेशन के समीप रात 11 बजे ट्रेन के इंजन और नौ डिब्बे पटरी से उतर गये। ट्रेन जगदलपुर से भुवनेश्वर जा रही थी। अधिकारियों ने बताया कि इस हादसे में 39 यात्रियों की मौत हो गयी और 69 अन्य घायल हो गये। दुर्घटना में ट्रेन के इंजन के अलावा उसके दो वातानुकूलित कोच, चार शयनयान कोच, दो सामान्य श्रेणी के डिब्बे और गार्ड सह यात्री कोच पटरी से उतर गए। उनमें चार डिब्बे पलट गए।

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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