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Google से फ्लाइट बुक करने में बचेंगे पैसे, बस यूज करना होगा ये फीचर

Google Flight Booking :  फ्लाइट का टिकट काफी महंगा होता है, लेकिन अगर आपको ये टिकट सस्ता मिले तो कैसा होगा? जी हां, आपने ठीक पढ़ा. यहां हम आपके लिए गूगल के एक ऐसे फीचर के बारे में जानकारी लेकर आए हैं, जिसमें आपको सस्ती फ्लाइट की जानकारी काफी पहले ही मिल जाएगी. आइए जानते हैं इस फीचर के बारे में.

हवाई सफर करने वाले यात्री अक्सर देखते हैं कि फ्लाइट का किराया विभिन्न कारणों के चलते कम या ज्यादा होता रहता है. ऐसे में कई यात्री फ्लाइट टिकट को बुक करने से पहले उसका किराया कम होने का इंतजार करते हैं. ऐसे में जो लोग सस्ती फ्लाइट बुक करना चाहते हैं. उनके लिए गूगल फ्लाइट फीचर का यूज कर सकते हैं, जिसकी मदद से यात्रियों को यह पता चल सकेगा कि फ्लाइट टिकट को बुक करने के लिए कौन सा समय उपयुक्त है?

इसके अलावा कंपनी गूगल फ्लाइट में हिस्टोरिकल ट्रेंड और डेटा को जोड़ रही है, जिसकी मदद से यात्रियों को इस बारे में पता चल सकेगा कि उनके द्वारा चुनी गई तारीख और डेस्टिनेशन के लिए टिकट की कीमत कब सबसे ज्यादा सस्ती रहेगी. गूगल फ्लाइट का यह फीचर यात्रियों को इस बारे में भी बताएगा कब उनके लिए फ्लाइट टिकट को बुक करना उपयुक्त होगा?

प्राइस ट्रैकिंग सिस्टम कर सकते हैं ऑन

इसके अलावा अगर आप गूगल फ्लाइट्स में प्राइस ट्रैकिंग के सिस्टम को ऑन करते हैं. ऐसे में जब फ्लाइट टिकट की कीमत कम होती है तो आपके पास नोटिफिकेशन भेजेगा. गूगल फ्लाइट की मदद से आप किसी खास दिन या तारीख के लिए प्राइस ट्रैकिंग सिस्टम को ऑन कर सकते हैं. हालांकि, इस फीचर का इस्तेमाल करने के लिए आपको गूगल में साइन इन करना होगा.

गूगल फ्लाइट्स में कई फ्लाइट रिजल्ट में आपको रंगीन कलर बैज देखने को मिलेगा. यह इस बात का संकेत करता है कि आप जो किराया अभी देख रहे हैं. डिपार्चर के समय भी वही रहेगा. अगर आप इनमें से किसी फ्लाइट को बुक करते हैं, तो गूगल फ्लाइट का फीचर टेक ऑफ करने से पहले हर दिन प्राइस को मॉनिटर करेगा. अगर फ्लाइट की कीमत कम होती है, तो गूगल कम हुए उस किराए को गूगल पे के माध्यम आपको रिफंड कर देगा.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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