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iPhone 14 Pro की बैटरी एक साल में हो रही कमजोर! यूजर्स कर रहे शिकायत

क्या आपने भी खरीदा है आईफोन 14 प्रो (iPhone 14 Pro) हैंडसेट? अगर हां तो क्या आपने गौर किया है कि आपके हैंडसेट की बैटरी जल्दी ड्रेन तो नहीं हो रही. दरअसल, कई यूजर्स ने एक साल से भी कम समय में ही बैटरी के जल्दी डिस्चार्ज हो जाने की शिकायत कर रहे हैं. बिजनेस टुडे की खबर के मुताबिक, यहां तक कि बैटरी (iPhone 14 Pro battery) के खराब हो जाने की भी शिकायत कर रहे हैं.

यूजर्स कर रहे शिकायत

खबर के मुताबिक, चुनिंदा iPhones पर बैटरी हेल्थ इंडिकेटर एक साल से कम इस्तेमाल के बाद ही अनुमान से ज्यादा बैटरी खराब होना दिखा रहा है. यूजर्स अपने आईफोन 14 प्रो (iPhone 14 Pro) की स्क्रीन शॉट शेयर कर बैटरी की गिरती हेल्थ की शिकायत एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कर रहे हैं. डेनियल नाम के एक यूजर ने बैटरी से जुड़ी अपनी परेशानी शेयर की. इसमें उन्होंने लिखा कि उनकी बैटरी लाइफ कम हो गई है. आगे लिखा कि मेरे आईफोन 14 प्रो की बैटरी लाइफ बेहद खराब है. इसे सुबह 8 बजे चार्जर से निकाला. दोपहर 12 बजे इसे 20% चार्ज किया. शाम 4 बजे इसे 80% चार्ज किया और पहले से ही 20% पर है.

डब्ल्यूएसजे की स्तंभकार जोआना स्टर्न ने भी अपने iPhone 14 के साथ अपनी व्यथा शेयर की. उनका कहना था कि मेरे iPhone 14 Pro की बैटरी की लाइफ एक साल से भी कम समय में करीब 88% कम हो गई है. क्या ऐसा इसलिए है कि मैं इसका (iPhone 14 Pro) इस्तेमाल बहुत ज्यादा करता हूं और एप्पल के मुताबिक 450 चार्जिंग साइकिल पूरा कर चुका हूं? क्या यह तेज़ चार्जिंग से होने वाली गर्मी से है? क्या बैटरी में कुछ गड़बड़ी है?

AppleTrack जुड़े सैम कोहल ने जुलाई में ट्विटर पर अपनी चिंता व्यक्त की. उनके iPhone 14 Pro की बैटरी की स्थिति में तेजी से गिरावट देखी गई, जो कम समय में अधिकतम क्षमता से 90 प्रतिशत तक गिर गई. यह स्थिति iPhones के साथ उनके पिछले अनुभवों से अलग है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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