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कमरे में से खत्म हो जाएगा नमी का नामो-निशान, बस घर ले आएं ये सस्ती डिवाइस

Dehumidifier Use: बारिश का मौसम बेशक खत्म हो गया है, लेकिन अभी भी कई राज्यों में कभी-कभार जोरदार बारिश हो जा रही है. ऐसे में बहुत से घरों में छत से पानी टपकने की वजह से रूम के अंदर नमी आ गई होगी. अगर आपके घर में भी ऐसा हाल है तो नमी की बदबू से आपका जीना मुहाल हो गया होगा.

नमी की बदबू से बचने के लिए हम आपके लिए एक ऐसी डिवाइस की जानकारी लेकर आए हैं, जो रूम में यूज करने से नमी का नामो-निशान मिटा देती है. वहीं इस डिवाइस को खरीदना और यूज करना बेहद सस्ता है, जिसके चलते आप इसे आसानी से अफोर्ड कर सकते हैं.

Dehumidifier की प्राइस

Dehumidifier को आप किसी भी ई-कॉमर्स साइट से खरीदत सकते हैं, जहां कमरों के साइज के हिसाब से Dehumidifier की कीमत तय की गई है. Dehumidifier को आप 6000 रुपये के आसपास में खरीद सकते हैं. 

कैसे काम करता है Dehumidifier 

इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि यह सस्ता है और आकार में छोटा है उसके बावजूद भी यह नमी सोखने के मामले में किसी अन्य डिवाइस से कहीं ज्यादा बेहतर है. इसकी कीमत जानेंगे तो आपको यकीनन झटका लगेगा क्योंकि ग्राहक सिर्फ ₹6000 की शुरुआती कीमत में इसे खरीद सकते हैं. इतनी कम कीमत में तो आज की तारीख में कूलर खरीदना भी काफी मुश्किल है. ऐसे में अगर आप नमी से निजात पाना चाहते हैं तो यह आपके लिए बेहतरीन ऑप्शन साबित हो सकता है. 

डीह्यूमिडिफायर को आप टेबल पर रखकर इस्तेमाल कर सकते हैं साथ ही अपने कमरे की वॉल पर भी फिक्स करवा सकते हैं. यह यंत्र बेहद ही दमदार है और उमस भरी गर्मी से निपटने के लिए भी ये आपके काम आ सकता है. अगर आपको किसी बड़े एरिया के लिए इस यंत्र का इस्तेमाल करना है तो आपको साइज के ऑप्शंस भी मिल जाते हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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