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WhatsApp: 2024 वाले मजेदार स्टिकर आपको यहां मिलेंगे, फैमिली और फ्रेंड्स के बीच कीजिए शेयर 

WhatsApp Sticker 2024: साल 2024 की शुरुआत हो चुकी है और सभी लोग आज एक दूसरे को नए साल की शुभकामनाएं दे रहे हैं. सोशल मीडिया पर आपको भी रात 12 बजे से लगातार हैप्पी न्यू ईयर के मैसेज आने लगे होंगे. इस बार आप अपनों को नया साल विश करने के लिए स्टिकर पैक की मदद ले सकते हैं. गूगल प्ले स्टोर पर 2024 से जुड़े कई मजेदार स्टिकर पैक्स मौजूद हैं जिन्हें आप डाउनलोड कर वॉट्सऐप पर अपनों को शेयर कर सकते हैं. फोटो और GIF के ओल्ड तरीके के बजाय आप इस नए तरीके को अपना सकते हैं. प्ले स्टोर पर बच्चों से लेकर बड़ो तक के लिए अलग-अलग स्टिकर पैक मौजूद हैं. इन्हें आप डाउनलोड कर वॉट्सऐप में एड कर सकते हैं.

एड करने के बाद आप जिस भी व्यक्ति को स्टिकर भेजना चाहते हैं, उस चैट में जाएं और स्टिकर के ऑप्शन में आकर 2024 के नए जोड़े स्टिकर भेजें.

इस तरह भी अपनों को कर सकते हैं विश  

अगर आप अन्य लोगों से थोड़ा हटकर अपनों को नया साल विश करना चाहते हैं तो आप शार्ट वीडियो भी वॉट्सऐप पर रिकॉर्ड कर सकते हैं. वॉट्सऐप ने एक नया फीचर पिछले साल ऐप में जोड़ा है जो आपको 60 सेकंड की शार्ट वीडियो सीधे चैट विंडो से रिकॉर्ड करने की अनुमति देता है.

बिना नंबर शेयर किये होंगी बातें 

वॉट्सऐप पर अब आप बिना नंबर शेयर किए भी एक दूसरे से बातचीत कर पाएंगे. कंपनी यूजरनेम फीचर पर काम कर रही है और ये कुछ बीटा टेस्टर्स को मिल चुका है. इस फीचर के तहत हर व्यक्ति का एक यूनिक यूजरनेम होगा जैसा इंस्टाग्राम और ट्विटर में होता है. आप इस यूजरनेम की मदद से एक दूसरे को वॉट्सऐप में ढूंढ और एड कर पाएंगे. फिलहाल ये जानकारी सामने नहीं है कि किस तरह ये फीचर काम करेगा. यानि क्या ये इंस्टाग्राम की तरह ही किसी नए व्यक्ति के साथ जुड़ने पर रिक्वेस्ट भेजेगा या नहीं, इस विषय में अभी कोई जानकारी सामने नहीं है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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