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भोजपुरी एक्ट्रेस पूनम दुबे ने जिम आउटफिट में गिराई बिजली, देखें फोटोज

भोजपुरी एक्ट्रेस पूनम दुबे अपने बोल्ड और किलर लुक के लिए मशहूर हैं। पूनम दुबे को उनके फैंस भोजपुरी की सनी लियोनी कहते हैं। एक्ट्रेस का अंदाज इतना कातिलाना है कि हर कोई पल भर घायल हो जाता है। पूनम आए दिन अपने फैंस के साथ तस्वीरें और वीडियोज शेयर कर उन्हें विजुअल ट्रीट देती रहती हैं। इसी बीच भोजपुरिया जगत की क्वीन पूनम दुबे की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जो कि इंटरनेट जगत में हर तरफ वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों को देखने के बाद फैंस के दिलों की धड़कनें तेज हो गई हैं।

पूनम दुबे ने बरपाया कहर

भोजपुरी अदाकारा पूनम दुबे ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट को अपडेट करते हुए कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। इन फोटोज में अदाकारा जिम आउटफिट में दिखाई दे रही हैं। सामने आई फोटोज को देख फैंस का बज हाई हो गया है। पूनम दुबे की हर एक तस्वीर को लोग हजारों बार देख रहे हैं। इतना ही नहीं फैंस इन फोटोज पर दिल खोलकर प्यार भी बरसा रहे हैं। अबतक इन तस्वीरों को 21 हजार से लाइक्स मिल चुके हैं। वहीं कइयों ने पूनम की लेटेस्ट पिक्चर्स पर कमेंट भी किया है। Also Read – Poonam Dubey ने भरी बरसात में मटकाई ऐसी कमरिया, फैंस बोले- ‘आग लगा दी’

बोल्डनेस में टॉप पर हैं पूनम दुबे

भोजपुरी एक्ट्रेस पूनम दुबे सोशल मीडिया पर एक्टिव रहती हैं। एक्ट्रेस अक्सर अपने फैंस के साथ तस्वीरें और वीडियोज शेयर करती रहती हैं। जहां फैंस पूनम दुबे की फोटोज को काफी पसंद करते हैं तो वहीं ट्रोल्स उनकी तस्वीरें देखते ही एक्टिव हो जाते हैं और सोशल मीडिया पर उनकी क्लास लगाने लगते हैं। भोजपुरी एक्ट्रेस पूनम दुबे अपने परफेक्ट फिगर को मेंटेन करने के लिए जिम में कड़ी मेहनत करती हैं। पूनम दुबे बोल्डनेस के मामले में बॉलीवुड से लेकर टीवी तक की एक्ट्रेसेस को टक्कर देती हैं। Also Read – भोजपुरी एक्ट्रेस पूनम दुबे ने बिकिनी पहन पानी में लगाई आग, एक्ट्रेस की हर अदा पर फिदा हुए फैंस

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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