बिजनौर की समक्ष शैक्षणिक संस्थाओं के प्रबंधन को कोरोनावायरस कॉविड 19 आपदा की अवधि में किसी भी अभिभावक को एडवांस फीस जमा करने के लिए मजबूर ना करने का आदेश
शहजाद अहमद रिहान उप संपादक :
जिलाधिकारी रमाकांत पांडे ने उत्तर प्रदेश आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अध्याय 9 की धारा 23(4) में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए जिला बिजनौर की समक्ष शैक्षणिक संस्थाओं के प्रबंधन को उत्तर प्रदेश आपदा प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए जिला बिजनौर की समक्ष शैक्षणिक संस्थाओं के प्रबंधन को कोरोनावायरस कॉविड 19 आपदा की अवधि में किसी भी अभिभावक को एडवांस फीस जमा करने के लिए मजबूर न करने, ऑनलाइन पढ़ाई से किसी भी छात्र एवं छात्रा को वंचित न रहने देने के दिए कड़े निर्देश
जिलाधिकारी रमाकांत पांडे ने बताया कि कोरोना वायरस कोविड 19 के संक्रमण के फैलाव से बचाव एवं नियंत्रण के लिए भारत सरकार तथा उत्तर प्रदेश शासन द्वारा 14 अप्रैल 2020 तक लॉकडाउन घोषित किया गया है। इस अवधि में जिला बिजनौर के सभी शैक्षिक संस्थान पूर्णतया बंद है। उन्होंने बताया कि Lockdown के कारण छात्रों के अभिभावकों एवं उनके परिजनों के कारोबार एवं रोजगार प्रभावित हुए हैं, जिसके कारण विद्यालय में अध्ययनरत छात्र एवं छात्राओं की माह अप्रैल-मई एवं जून की फीस पूर्व वर्षों की भांति माह अप्रैल में ही जमा कराए जाने की सूचना/निर्देश विद्यालय के प्रशासन द्वारा प्राप्त हो रहे है, जबकि lockdown के कारण अभिभावक अप्रैल माह में एडवांस फीस जमा कराने में असमर्थ है। उन्होंने बताया कि इस कारण से अभिभावकों में भय एवं अशांति की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
उन्होंने उक्त स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए उत्तर प्रदेश आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अध्याय 9 की धारा 23(4) में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए जिला बिजनौर की समक्ष शैक्षणिक संस्थाओं के प्रबंधन को आदेशित किया है कि उनके द्वारा कोरोना वायरस कॉविड 19 की आपदा की अवधि में किसी भी अभिभावक को एडवांस फीस जमा करने के लिए मजबूर न किया जाए और विद्यालयों द्वारा चलाई जा रही ऑनलाइन पढ़ाई से किसी भी छात्र एवं छात्रा को वंचित न रहने दिया जाए तथा न ही विद्यालय से किसी छात्र एवं छात्रा का नाम फ़ीस के कारण काटा जाए। उन्होंने विद्यालयों के प्रशासन को निर्देश दिए कि आपदा समाप्त होने पर उक्त त्रैमासिक फीस को आगामी महीनों में समायोजित करके अभिभावकों को कार्य योजना से अवगत करा दिया जाए ताकि अभिभावक गण Fees का समुचित प्रबंध कर सकें। उन्होंने सचेत करते हुए कहा कि उक्त आदेश का उल्लंघन राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि उक्त आदेश का अनुपालन कड़ाई से करना सुनिश्चित करें ।