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सिर्फ एक ब्रेकफास्ट मिटिंग में परिणीति ने कर लिया था राघव चड्ढा से शादी करने का फैसला

Parineeti Chopra With Raghav Chadha: बॉलीवुड (Bollywood) की मशहूर अदाकारा (Actress) परिणीति चोपड़ा ने आप नेता राघव चढ्ढा (Raghav Chadha) से एंगेजमेन्ट कर सुर्खियों को लूटने में कोई कमी नहीं छोड़ी. इसके साथ परिणीति चोपड़ा (Parineeti Chopra) ने अपनी सगाई (Engagement) के फोटोज को इंस्टाग्राम (Instagram) पर भी शेयर किया है. फोटोज शेयर करने के साथ एक्ट्रेस ने इस बात से भी पर्दा हटाया कि कैसे उन्होंने राघव चढ्ढा को अपने लिए चुना?

परिणीति चोपड़ा का खुलासा

परिणीति चोपड़ा ने राघव चढ्ढा को अपना लाइफ पार्टनर बहुत ही दिलचस्प तरीके से चुना. परिणीति ने इस बारे में खुलासा किया कि जब एक्ट्रेस ने आप नेता के साथ ब्रेकफास्ट किया, तभी उनके ये बात समझ में आ गई कि यही वो इनसान है जिससे उन्हें शादी करनी है. इसी के साथ उनकी लाइफ को सुकून मिलेगा.

एंगेजमेन्ट की फोटोज को किया शेयर

इसके साथ परिणीति चोपड़ा ने अपनी और राघव चढ्ढा की एंगेजमेन्ट फोटोज को भी शेयर किया है. एक्ट्रेस के द्वारा शेयर फोटोज में उनकी बहन प्रियंका चोपड़ा के साथ फैमिली के अदर्स मेम्बर्स भी दिख रह हैं. परिणीति चोपड़ा की सगाई को उनकी फैमिली और फ्रेंन्ड्स ने जी भर के एंजॉय किया. आपको बता दें कि परिणीति चोपड़ा ने राघव चढ्ढा से 13 मई को दिल्ली के कपूरथला में सगाई की थी.


परिणीति चोपड़ा वर्कफ्रंन्ट

इससे हटकर बात यदि परिणीति चोपड़ा (Parineeti Chopra) के वर्कफ्रंन्ट की करें तो एक्ट्रेस अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) के साथ ‘ऊंचाई (Uunchai)’ में अपनी एक्टिंग (Acting) का जलवा दिखा चुकी हैं. इसके साथ परिणीति चोपड़ा को बहुत जल्द इम्तियाज अली की ‘चमकीला (Chamkila)’ में देखा जाएगा. एक्ट्रेस (Actress) की ये फिल्म पंजाबी सिंगर अमर सिंह चमकिला से इन्सपायर बताई जा रही है. इस मूवी में परिणीति चोपड़ा दिलजीत दोसांझ (Diljit Dosanjh) के साथ स्क्रीन शेयर करती हुई नजर आने वाली हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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