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10 घंटे तक चार्जिंग, सिर्फ एक घंटे बात, दुनिया को करीब लाने वाला पहला मोबाइल फोन कैसा था?

First Mobile Phone in World: आज के समय में हर आदमी के पास अपना स्मार्टफोन दिख जाएगा. लोग बेजेल लेस डिजाइन, फिंगरप्रिंट स्कैनर और ज्यादा मेगापिक्सल के कैमरे के साथ फोन लेना पसंद करते हैं. यहां तक कि कंपनियां भी समय समय पर लेटेस्ट डिजाइन के साथ स्मार्टफोन लॉन्च कर रही हैं.  आज हम आपको दुनिया के पहले फोन के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में कम लोग ही जानते हैं. 

क्या आपको पता है कि दुनिया का पहला मोबाइल फोन कौन सा था, उसकी कीमत कितनी थी, उसमें क्या फीचर्स थे, उसकी बैटरी लाइफ कितनी थी? दरअसल, दुनिया के पहले फोन का नाम Motorola DynaTAC 8000x था. इस फोन को मोटोरोला ने 48 साल पहले यानी की 1973 में लॉन्च किया था. 3 अप्रैल 1973 को मोटोरोला ने दुनिया को पहला फोन दिया. उस दौरान लॉन्च इवेंट या वर्चुअल इवेंट का कोई विकल्प मौजूद नहीं था. स दौरान Motorola DynaTAC 8000x एक प्रोटोटाइप था जिसे डॉक्टर मार्टिन कूपर आगे लेकर आए थे. इस फोन को वायरलेस तरीके से बात करने के लिए पेश किया गया था. 

नहीं था फोन में कोई डिस्प्ले

इस फोन में कोई डिस्प्ले नहीं था. फोन के बटन काफी बड़े थे और फोन का लुक भी बेहतर नहीं था. फोन के इस्तेमाल के लिए किसी भी मशीन का इस्तेमाल नहीं किया गया था. इसे पूरी तरह हाथ से बनाया गया था. इस फोन को  मार्केट में कमर्शियल तरीके से आते आते 10 साल लग गए थे. 

मार्च 1983 को आया था पहला सेल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस फोन को बनाने के लिए टोरोला ने 100 मिलियन डॉलर्स का निवेश किया था. 6 मार्च 1983 को इस फोन का पहला सेल उपलब्ध कराया गया था. 

कैसे थे फीचर्स?

फीचर्स की बात करें तो इस फोन में ज्यादा फीचर्स नहीं थे. DynaTAC 8000X की बैटरी लाइफ लगभग एक घंटे का टॉक टाइम थी. इसे चार्ज करने में करीब 10 घंटे लग जाते थे. फोन को एक अटैची में रखा जाता था. कुछ देर बात करने के बाद इसे बंद कर दिया जाता था, जिससे इसकी बैटरी बची रहे. फोन में कांटेक्ट के अलावा कुछ भी स्टोर नहीं किया जा सकता था. 

कितनी थी कीमत?

इस फोन की कीमत 3995 डॉलर्स थी, यानी की आज के हिसाब से ये 10,000 डॉलर्स का फोन होता. फोन को इस्तेमाल करने के लिए हम महीने करीब 50 डॉलर का किराया देना पड़ता था. ये फोन एक रेडियो फोन था जो सिग्नल की मदद से चलता था. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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