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Tesla भी बनाएगी स्मार्टफोन! फैंस ने की एलन मस्क से अपील, जानें क्या मिली लोगों से प्रतिक्रिया

एलन मस्क (Elon Musk) से फैंस ने एक नई तरह की अपील की है. फैंस ने कहा है कि टेस्ला (Tesla) को खुद का स्मार्टफोन (Tesla smartphone) बनाना चाहिए. ट्वीट में फैंस ने कहा कि हम आपकी किसी भी जानकारी को कलेक्ट नहीं करेंगे. क्या आप इसे यूज करेंगे? फॉलोअर्स ने काफी रोचक प्रतिक्रियाएं दी हैं. Nick नाम से एक ट्विटर अकाउंट यूजर ने कहा कि मैं हमेशा से एप्पल का फैन रहा हूं, मैं अपने सभी आईफ़ोन के साथ अपने अनुभव को गलत नहीं ठहरा सकता. हालांकि मैं यह सोचने से खुद को रोक नहीं पा रहा हूं कि मुझ पर किसी न किसी तरह से नज़र रखी जा रही है. मैं निश्चित रूप से टेस्ला फोन पर विचार करूंगा. 

आईफोन यूजर भी टेस्ला फोन पर कर सकते हैं विचार

फैंस की मस्क से की गई इस अपील के बाद यह जरूर देखने को मिल रहा है कि लोग भले ही आईफोन यूज क्यों न कर रहे हों, लेकिन टेस्ला का स्मार्टफोन अगर मार्केट में आता है तो वह इस पर विचार जरूर करेंगे. Diane Parmente नाम की फॉलोअर लिखती हैं कि मुझे यह फैक्ट्स पसंद नहीं है कि मुझ पर नज़र रखी जा रही है, ट्रैक किया जा रहा है या मेरी बात सुनी जा रही है. लेकिन अगर आप एक स्मार्टफ़ोन बना सकते हैं और मेरी सारी जानकारी कलेक्ट नहीं करेंगे तो मैं निश्चित रूप से टेस्ला के फोन खरीदना पसंद करूंगी.

एलन मस्क का नेटवर्थ और कारोबार

फोर्ब्स के मुताबिक, एलन मस्क (Elon Musk) का 248.1 बिलियन डॉलर है. मस्क 6 कंपनी चलाते हैं. इनमें इलेक्ट्रिक कार कंपनी Tesla, माइक्रो ब्लॉगिंग साइट Twitter, रॉकेट प्रोड्यूसर SpaceX और टनलिंग स्टार्टअप बोरिंग कंपनी आदि शामिल हैं. टेस्ला अब अगर स्मार्टफोन कारोबार में उतरती है तो दुनियाभर में एक नया ट्रेड जरूर सेट हो सकता है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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