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जब 1 दिन में आमिर खान को खाने पड़ते थे 100 पान, वजह जान हो जाएंगे हैरान

Aamir Khan’s tryst with paans in PK: आमिर खान अपनी हर फिल्म के लिए जी तोड़ मेहनत करते हैं. यही वजह है कि उन्हों बॉलीवुड का मिस्टर परफेक्शनिस्ट कहा जाता है. अपने हर एक फिल्म के किरदार को बेहतरीन बनाने के लिए जी तोड़ मेहतन करते हैं. तो चलिए आज हम आपको आमिर खान की फिल्म पीके से जुड़ा एक ऐसा किस्सा बताने वाले हैं जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे.

जब 1 दिन में आमिर खान को खाने पड़ते थे 100 पान
आज 19 दिसंबर को फिल्म को पूरे 9 साल हो चुके हैं. राजकुमार हिरानी की ये मूवी बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई थी. फिल्म में लोगों को आमिर खान के किरदार ने खूब हंसाया था. लेकिन ये किरदार निभाना उनके लिए इतना आससान नहीं रहा. उन्हें हर सीन से पहले पान चबाना पड़ता था. 

वजह जान हो जाएंगे हैरान 
मालूम हो कि पीके में आमिर खान का किरदार ऐसा था जिसमें उनके बड़े-बड़े कान थे और वह पूरे टाइम पान खाता था. वहीं अपने होठों को लाल रखने के लिए आमिर खान हर वकर्त पान चिबाते थे, ताकि उनके होठों का कलर हर सीन में एक जैसे ही दिखे. वह एक दिन शूटिंग के दौरान आमिर खान 100 पान खा गए थे. इस चक्कर में सेट पर हर वक्त एक पान वाले भईया अपना दुकान खोले हुए रखते हैं.  कहा जाता है कि हर सीन से पहले आमिर 15 से 29 पान खा जाया करते थे. 

वहीं इन दिनों आमिर खान अपनी लाडली बेटी आयरा खान की शादी को लेकर बिजी चल रहे हैं. हाल ही में आयरा को एक खास अवॉर्ड से नवाजा गया था, जहां अपनी बेटी को सपोर्ट करने के लिए आमिर खान भी पहुंचे थे. इन दौरान उनकी पहली पत्नी रीना दत्ता भी मौदूद नजर आईं. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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