बॉलीवुड और मनोरंजन

रकुल प्रीत सिंह ने खरीदी एसयूवी मर्सिडीज-बेंज जीएलएस मेबैक, कार की कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश

Rakul Preet Singh: बॉलीवुड की गॉर्जियस एक्ट्रेस रकुल प्रीत सिंह ने अपने कार कलेक्शन में एक चमचमाती महंगी गाड़ी को शामिल कर लिया है. रकुल ने खुद को एक शानदार गाड़ी का तोहफा दिया है और उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है. बता दें उन्होंने 2009 में कन्नड़ फिल्म गिल्ली से अभिनय की शुरुआत की थी. बाद में उन्होंने दे दे प्यार दे, कटपुतली, यारियां, थैंक गॉड, डॉक्टर जी, बू, देव, ध्रुव जैसी कई चर्चित फिल्मों में काम किया.

रकुल प्रीत सिंह ने खरीदी एसयूवी मर्सिडीज-बेंज जीएलएस मेबैक

एक्ट्रेस की ब्रांडेड कार की कीमत जानकर दांतों तले उंगली दबा लेंगे. आइए आपको रकुल प्रीत की नई कार की कीमत के बारे में बताते हैं. इस वीडियो को इंस्टा बॉलीवुड ने शेयर किया है. इस वीडियो में एक्ट्रेस को एक कार शोरूम के अंदर शटरबग्स के लिए खुशी से पोज देते हुए देखा जा सकता है. अभिनेत्री एक शानदार नई फोर-व्हीलर, मर्सिडीज-बेंज जीएलएस मेबैक की मालिक बन गई.

 


अपनी नई कार को घर ले जाने के लिए रकुल ने सिंपल लेकिन खूबसूरत लुक चुना. उन्होंने चिकनकारी कुर्ती पहनी और इसे स्किनी-फिट जींस कैरी की. लाइट मेकअप, क्लासी सनग्लासेज, फ्लैट्स और पोनीटेल बनाकर उन्होंने अपने लुक को कंप्लीट किया. रकुल की नई गाड़ी मर्सिडीज-बेंज जीएलएस मेबैक रुपये की भारी कीमत  2.92 करोड़ के साथ आती है. कार में 3982 सीसी का इंजन लगा है, जो ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के साथ उपलब्ध है. 

 


रकुल की नई कार कई फीचर्स के साथ आती है. यह चार सीटों वाली पेट्रोल कार है जिसमें मल्टीपल-फंक्शन स्टीयरिंग व्हील, पावर एडजस्टेबल एक्सटीरियर रियर व्यू मिरर, टच स्क्रीन और ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल है. इन सुविधाओं के साथ, इस शानदार सवारी में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम, इंजन स्टार्ट-स्टॉप बटन, ड्राइवर एयरबैग, एयर कंडीशनर, पावर स्टीयरिंग, पैसेंजर एयरबैग और कई अन्य सुविधाएं भी हैं.

 

यह भी पढ़ें: Vicky Kaushal Katrina Kaif: कैटरीना कैफ पर ससुराल वाले बना रहे ‘खुशखबरी’ देने का दबाव? विक्की कौशल ने किया खुलासा

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button