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बॉक्स ऑफिस पर दिखा पूजा का जलवा, दूसरे दिन आयुष्मान खुराना की फिल्म ने की इतनी कमाई

Dream Girl 2 Box Office Collection: बॉलीवुड एक्टर आयुष्मान खुराना हमेशा अपनी फिल्मों से फैंस को एक मैसेज देते हैं. खास बात यह है कि आयुष्मान की हर एक फिल्म को लोगों का प्यार मिलता हैं. भले ही एक्टर कम फिल्में करते हो लेकिन जब भी वह कोई फिल्म में नजर आते हैं अपनी दमदार एक्टिंग से लोगों के दिलों में उतर जाते हैं. 

बॉक्स ऑफिस पर दिखा पूजा का जलवा

अभिनेता की लेटेस्ट फिल्म ‘ड्रीम गर्ल 2’ की पूजा ने एक बार फिर दर्शकों के दिलों की घंटी बजा दी है और इसी के साथ फिल्म की शुरुआत भी अच्छी रही है. वहीं अब ‘ड्रीम गर्ल 2’ की रिलीज के पहले दिन की कमाई भी काफी अच्छी रही थीं. इस फिल्म ने रिलीज डेट पर 10 करोड़ 69 लाख रुपये का बिजनेस किया. आज शनिवार यानी दूसरे दिन भी आयुष्मान खुराना की इस फिल्म ने अच्छा कलेक्शन किया है.  

दूसरे दिन आयुष्मान खुराना की फिल्म ने की इतनी कमाई

आंकड़ों के मुताबिक ड्रीम गर्ल 2 दूसरे दिन भारत में 13 करोड़ की कमाई की है. यह फिल्म 25 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज हुई है. इस फिल्म का बजट 35 करोड़ रुपये है और Sacnilk द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दूसरे दिन इस फिल्म ने 22 करोड़ रुपये 69 लाख रुपये का बिजनेस कर लिया है. 

 


इस फिल्म को क्रिटिक्स और ऑडियंस मिक्स्ड रिव्यू मिला है. आयुष्मान की यह फिल्म साल 2019 की हिट फिल्म ‘ड्रीम गर्ल’ की सीक्वल है. ड्रीम गर्ल 28 करोड़ रुपये के बजट में बनी थी और इसने 200 करोड़ रुपये की शानदार कमाई की थी.

बता दें कि ड्रीम गर्ल 2 की कहानी शुरु होती है जब मथुरा का एक छोटे शहर का लड़का, करम, अपने पिता का कर्ज चुकाने के लिए हर दिन संघर्ष कर रहा है, जिसने लगभग सभी से पैसे उधार लिए हैं. दूसरी ओर, वह परी से बेहद प्यार करता है, इसके बाद करम पूजा बनकर सामने आता है. तब जो ड्रामा शुरू होता है वो हंसा-हंसाकर लोट-पोट कर देता है.

 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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