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WhatsApp में आ रहा कमाल का फीचर, छोटे बिजनेसमेन की हो जाएगी चांदी

WhatsApp Business: व्हाट्सऐप दुनिया का सबसे लोकप्रिय मैसेंजिंग प्लेटफॉर्म है. भारत में भी इस मैसेंजिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है. व्हाट्सऐप अपने प्रतिद्वंदियों से हमेशा आगे रहने की कोशिश करता है, और इसलिए वो अपने ऐप में लगातार बदलाव और नए फीचर्स को जोड़ता रहता है. इससे व्हाट्सऐप यूज़ करने वाले अलग-अलग कैटेगरी के यूज़र्स इस ऐप के प्रति हमेशा आकर्षित रहते है.

व्हाट्सऐप का नया फीचर

इस बार व्हाट्सऐप ने एक ऐसा फीचर पेश किया है, जो व्हाट्सऐप के जरिए छोटा बिजनेस करने वाले यूज़र्स के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. आइए हम आपको इस फीचर के बारे में बताते हैं. व्हाट्सऐप के इस फीचर का नाम Business Cloud API है. इस फीचर को फिलहाल विकसित किया जा रहा है. इस फीचर को पूरी तरह से विकसित करने के बाद व्हाट्सऐप में आने वाले फ्यूचर अपडेट के साथ रोलआउट किया जाएगा. इस वक्त इस फीचर को व्हाट्सऐप ने एंड्रॉयड वर्ज़न के बीटा यूज़र्स के लिए पेश किया है.

इस फीचर के रिलीज होने के बाद व्हाट्सऐप पर छोटा बिजनेस करने वाले यूजर्स क्लाउट एपीआई के जरिए अपने कस्टमर्स के साथ किए गए बातचीत को बिल्कुल मुफ्त में  सुरक्षित रख पाएंगे. आपको बता दें कि व्हाट्सऐप ने हाल ही में ऐलान किया था कि यूजर्स का चैट डेटा गूगल ड्राइव में अधिकतम 15 जीबी तक की मुफ्त में सेव किया जा सकेगा.

छोटे व्यापारियों को होगा फायदा

गूगल ड्राइव के मुफ्त में मिलने वाले 15जीबी स्पेस के खत्म होने के बाद यूजर्स को अपना व्हाट्सऐप चैट सेव करने के लिए क्लाउड की सर्विसेज़ खरीदनी पड़ेंगी. हालांकि, व्हाट्सऐप में आने वाले इस नए फीचर यानी Cloud API से छोटे व्यापारियों को अपने चैट्स को संभालकर रखने में मदद मिलेगी. इसके लिए उन्हें किसी भी तरह की फीस नहीं देनी होगी और इससे उनके बिजनेस में फायदा हो सकता है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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