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भोजपुरी गाने पर मोनालिसा संग थिरके शालीन भनोट, वायरल हुआ वीडियो

Monalisa and Shalin Bhanot Video: भोजपुरी से लेकर टीवी इंडस्ट्री तक में अपना जलवा बिखेर चुकीं एक्ट्रेस मोनालिसा अपने सोशल मीडिया पोस्ट्स की वजह से चर्चा में बनी रहती हैं। एक्ट्रेस ने हाल ही में अपनी कुछ बेहतरीन तस्वीरें शेयर की थीं जिसमें वो साड़ी में बेहद किलर लग रही हैं। बता दें कि मोनालिसा इन दिनों टीवी शो बेकाबू में अपना जलवा बिखेर रही हैं। इस शो में उनके साथ शालीन भनोट भी हैं। दोनों अक्सर सेट से मेजदार वीडियोज शेयर करते रहते हैं। इस बीच मोनालिसा और शालीन भनोट का एक वीडियो सामने आया है जो कि इंटरनेट पर छा गया है।

मोनालिसा और शालीन भनोट ने इंटरनेट पर मचाया तहलका

भोजपुरी अदाकारा मोनालिसा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट को अपडेट करते हुए एक वीडियो शेयर किया है जिसमें वो शालीन भनोट के साथ गर्दा उड़ाती दिखाई दे रही हैं। इस क्लिप में दोनों भोजपुरिया स्टार पवन सिंह के गाने लॉलीपॉप पर ठुमके लगाते नजर आ रहे हैं। क्लिप में मोनालिसा और शालीन की केमिस्ट्री देखते ही बन रही है। मोनालिसा और शालीन भनोट की जोड़ी फैंस को काफी पसंद आ रही है। बता दें कि इस वीडियो को अबतक 94 लाख से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं वहीं लोग इसपर जमकर कमेंट भी कर रहे हैं।

यहां देखें वीडियो:

बिग बॉस 16 में नजर आए थे शालीन भनोट

बताते चलें कि शालीन भनोट, सलमान खान के शो बिग बॉस 16 में नजर आए थे। इस शो में उन्होंने जमकर धमाल मचाया था। वहीं मोनालिसा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। एक्ट्रेस अक्सर अपने फैंस के साथ तस्वीरें और वीडियोज शेयर करती रहती हैं जिसपर फैंस दिल खोलकर प्यार लुटाते हैं। मालूम हो कि मोनालिसा ने भोजपुरी में सालों तक काम किया है। भोजपुरी इंडस्ट्री से ही मोनालिसा ने अपनी पहचान बनाई थी। उन्होंने पवन सिंह से लेकर खेसारी तक के साथ काम किया है।

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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