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वाह रे टेक्नोलॉजी! अब स्मार्टवॉच पर मिलेगा चैट जीपीटी से डायरेक्ट जवाब, वीडियो से समझिए कैसे 

चैट जीपीटी के बारे में अभी तक आप सभी ने कई खबरें और बातें सुनी या पढ़ी होंगी. चैट जीपीटी को आप केवल इसकी आधिकारिक वेबसाइट से एक्सेस कर सकते हैं. मोबाइल पर चैट जीपीटी को एक्सेस करने के लिए आपको वेब ब्राउजर की मदद लेनी पड़ती है. लेकिन अगर आप एपल की स्मार्टवॉच यूज करते हैं तो आपको अब एक क्लिक पर चैट जीपीटी से सवाल का जवाब स्मार्टवॉच पर मिलेगा. जी हां, एपल ऐप स्टोर पर WatchGPT नाम से एक ऐप मौजूद है जो आपको स्मार्टवॉच पर ही आपके सवालों के जवाब देगा.  

इस बात को आप बेहतर तरीके से समझ पाए इसलिए हम यहां यह एक वीडियो जोड़ रहे हैं. इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि ये ऐप एपल की स्मार्टवॉच के होम स्क्रीन पर मौजूद है. बस आपको यहां वॉइस के माध्यम से अपना क्वेश्चन डालना है और फौरन चैट जीपीटी से आपको सीधे जवाब मिलने लगेगा. आप चाहे तो लिखकर भी अपना सवाल पूछ सकते हैं. चैट जीपीटी की ओर से मिले जवाब को आप स्मार्टवॉच के माध्यम से ई-मेल या सोशल मीडिया पर शेयर भी कर सकते हैं. ये ऐप चैट जीपीटी से लिंक्ड है जो आपको सवालों के जवाब देता है.

Congrats!!!!! Do you have a video of it in action, or is there a trial?

News Reels


— Andrew B. (@andrewjb44) March 8, 2023



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क्या है चैट जीपीटी?

चैट जीपीटी को ओपन एआई ने तैयार किया है. ओपन एआई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर रिसर्च करने वाली एक कंपनी है. चैट जीपीटी को ओपन एआई ने पिछले साल नवंबर में लाइव किया था. ये एक मशीन लर्निंग बेस्ड टूल है जिसमें पब्लिकली मौजूद सारा डेटा फीड किया गया है. इसी डेटा के आधार पर ये सवालों के जवाब देता है.

फोन में कैसे यूज कर सकते हैं चैट जीपीटी?

अगर आप अपने स्मार्टफोन में चैट जीपीटी का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले वेब ब्राउजर पर चैट जीपीटी  लिखकर आपको इसकी वेबसाइट पर आना होगा. यहां आपको टॉय चैट जीपीटी का ऑप्शन मिलेगा. इसे क्लिक करें. अब लॉगिन करें और सर्च बॉक्स में अपने सवाल लिखें. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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