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‘शक्तिमान’ फेम एक्टर केके गोस्वामी की कार में लगी आग, बेटा चला रहा था गाड़ी

KK Goswami Car Accident : टीवी सीरियल ‘शक्तिमान’ और ‘गुटर गू’ जैसे तमाम सीरियल में काम करने वाले एक्टर केके गोस्वामी (KK Goswami) ने घर-घर में पहचान बनाई है। उनका 3 फीट का कद जरूर है लेकिन वह अपने काम के लिए जान जाते हैं। अपनी एक्टिंग से लोगों को इम्प्रेस करने वाले केके गोस्वामी के बेटे के साथ हाल ही में एक दुघर्टना हो गई। हालांकि, वह बाल-बाल बच गया है। दरअसल, केके गोस्वामी की कार में अचानक से आग लग गई। जिस समय ये हादसा हुआ उस समय उनका बेटा कार चला रहा था। आइए जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है।

केके गोस्वामी का बेटा चला रहा था कार

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केके गोस्वामी की कार से उनका 21 साल का बेटा नवदीप घर से अपने कॉलेज जा रहा था। इस दौरान कार में आग लग गई। हालांकि, इस दुघर्टना में किसी को कोई नहीं नुकसान नहीं हुआ। केके गोस्वामी का बेटा नवदीप भी बाल-बाल बच गया। इस घटना के बाद पुलिस और फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और स्थिति को संभाला। इस बात की जांच हो रही है कि कार में आग कैसे लगी। वहीं, केके गोस्वामी की कार में आग लगने के बाद किसी को नुकसान ना पहुंचने की खबर से फैंस ने राहत की सांस ली है।

केके गोस्वामी का करियर और फैमिली

केके गोस्वामी का पूरा नाम कृष्णकांत गोस्वामी और बिहार के रहने वाले हैं। केके गोस्वामी का कद 3 फीट है और वह जब मुंबई आए तो उन्हें काफी स्ट्रगल करना पड़ा। केके गोस्वामी को लेकर बताया जाता है कि उन्होंने एक्टिंग का काम मिलने से पहले कई नौकरी कीं। केके गोस्वामी कई टीवी सीरियल्स के अलावा हिंदी, मराठी, बंगाली, गुजराती और भोजपुरी फिल्मों मे काम किया है। केके गोस्वामी ने अपनी एक्टिंग के दम इंडस्ट्री में खास पहचान बनाई है। 49 साल के केके गोस्वामी की फैमिली की बात की जाए तो उनकी पत्नी पिंकू गोस्वामी और दो बेटे हैं।

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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